Wednesday, 17 January 2024

मेरी पहली अयोध्या यात्रा

 मेरी पहली अयोध्या यात्रा-:

रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।

रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:॥🙏

बात बचपन की है, जब टीवी पर सिर्फ दूरदर्शन यानी कि DD1 आता था,

औऱ रविवार के दिन हम सभी धारावाहिक जय श्री कृष्णा देखा करते थे।

अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की रैली हजरत महल पार्क लखनऊ में होनी थी,

मेरे जीवन की ये पहली रैली थी जिसमें लगभग सभी वैश्य परिवारों ने भागीदारी की थी।

किशनी से 2बसें इस रैली में गयीं थी, और सभी ने ये तय किया हुआ था कि वापसी अयोध्या पुरी में रामलला के दर्शन करके ही होगी।


बचपन था,तो किसी बात की कोई फिक्र नहीं थी।

अयोध्या पहुंचने के बाद बिड़ला धर्मशाला में सभी के ठहरने की व्यवस्था की गई।

सबसे पहले सभी ने सरयू जी में स्नान किया, मेरी याद में किसी पवित्र नदी में वो मेरा पहला ही स्नान था।

उसके बाद हम सभी ने हनुमान गढ़ी में हनुमानजी के दर्शन किये, ततपश्चात कनकभवन बिहारी के,दशरथ महल, सीता रसोई, आदि के दर्शन किये।

यहीं कहीं मैंने और मेरी छोटी बहिन एक एक रील वाला कैमरा ख़रीद लिया। जेब में एक विक्स की डिब्बी भी थी।

अब हम सबकी अगली मंजिल थी रामजन्मभूमि के दर्शन।

हम सब जैसे ही परिसर में पहुंचे, तो वहां तलाशी बहुत ज्यादा चल रही थी।

एक लेडी कांस्टेबल ने मुझसे और मेरी बहिन से वो कैमरा जमा करने को कहा, मुझे आज भी याद है कि उसकी इस बात ने हमें कितना दुःखी कर दिया।

बचपन था, तब भगवान कम सामान ज्यादा प्रिय था,

हमने कहा हम जाएंगे ही नहीं अंदर,

ना जमा करेंगे।

फिर डैडी ने समझाया कि वापस आकर ले जाएंगे,अभी साथ चलो, यहां नहीं छोड़ सकते; फिर मन बस यही कहता रहा कि भगवान जी,कोई मेरा कैमरा ना ले जाये।

लोहे के जाल से पूरा गलियारा ऊपर और साइड से पूरी तरह बंद था, डैडी ने बताया कि करो दर्शन तो बल्ब की रोशनी में टैंट में प्रभु के दर्शन किये,



खुशी अब भी अधूरी ही थी क्योंकि मन कैमरे में रखा था।

वापस आकर जब कैमरा मिला तब खुशी  मिली।


समय काफी बदल गया आज कैमरा नहीं राम जी से मिलने की उत्कंठा होती है,


राम जी ने पीली अक्षत तो भेज दिए,अब बस यही इंतजार है कि रामलला जल्द अयोध्यापुरी में बुला लें🙏


जय श्री राम🚩

Wednesday, 20 October 2021

ऑनलाइन शॉपिग/ लोकल मार्केट

 दुनियाँ में आजकल ऐसा कुछ नहीं है,जिसकी जानकारी एक क्लिक पर ना मिल जाये,

ऐसा ना कोई ज्ञान है और ना कोई समान,जो आपको एक क्लिक पर उपलब्ध ना हो।।

हर छोटे से छोटे गांव में आजकल ऑनलाइन सामान जाता है,जाहिर सी बात है, इससे हमारे लोकल के मार्केट बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।


हम अधिकांश देखते हैं कि हमारे कुछ नेता,हमारे मार्गदर्शक;  आमजन से ये आग्रह करते हैं कि हम ऑनलाइन शॉपिंग करने के बजाय लोकल बाजारों से सामान खरीदें।

जबकि उनके स्वयं के परिवारों में भी लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं; वैसे भी टेक्नोलॉजी के जमाने में ये आग्रह वैसा ही प्रतीत होता है,

"जैसे LPG गैस के बजाय मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने की सलाह देना" या "मोबाइल के जमाने में लैंडलाइन की बात करना"

आखिर आप किसी को कितने दिनों तक टेक्नोलॉजी से बंचित रख सकते हैं?

किसी को कितने दिनों तक रोक सकते हैं?

बेहतर होगा, हम अपना तरीका बदलें,समाज के साथ चलें,

धीमें चले तो पीछे रह जाएंगे।

इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने लोकल के दुकानदारों को ट्रेनिंग दिलवाएं,ताकि वो अपने व्यवसाय को ऑनलाइन जोड़ सकें,अपना चैनल बना सकें,अपने प्रोडक्ट को लोकल बाजार के साथ राष्ट्रीय बाजार में बेंच सकें।


स्वयं को आज के अनुरूप बनाइये,किसी अन्य को रुकने के लिए मत कहिए, आप स्वयं जमाने के साथ चलिए।।

- जागृति गुप्ता

Saturday, 16 October 2021

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी


यूँ तो राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर हर छोटे-बड़े,सत्ता पक्ष-विपक्ष के नेता, अभिनेता काफी कुछ बोलते हैं,

पर जब क्रियान्वन का नंबर आता है, तो सब भूल जाते हैं🙏🏻

नमस्कार, मैं जागृति गुप्ता; बात करने जा रही हूँ मौजूदा दौर में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर। आप सभी अपने अपने गांव, कस्बा,तहसील,जिला, प्रदेश आदि में देखते होंगे कि लोग राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर बड़े-बड़े वक्तव्य देते हैं,पर वही लोग जब पद की बात आती है, तो महिलाओं का नाम लेना तक भूल जाते हैं, इतना ही नहीं, "महिला दिवस के अवसर पर भी महिलाओं को पीछे छोड़ स्वयं फीता काटने पहुंच जाते हैं।

और तो और यदि मंच पर कोई महिला है, तो उसको भी आगे नहीं बैठने देना चाहते,बोलने नहीं देना चाहते।और यदि कोई महिला बोल भी दे,तो उसको धीमे से किनारे कर दिया जाता है; ये बात अधिकांशतः लोगों पर सटीक बैठती है।

अब आप लोग कहेंगे कि राजनीति में महिलाएं तो काफी हैं, सभी पार्टियों में भी हैं, फिर हम ऐसी बात क्यों बोल रहे,तो दोस्तों हमने ये बात इसलिए कही है, क्योंकि हम राजनीति को काफी करीब से देख रहे हैं।

दरअसल राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नहीं अपितु भाग्यदारी चलती है, अब आप सोचेंगे वो कैसे; तो वो ऐसे कि अधिकांशतः वो महिलाएं राजनीति में हैं, जिनके पिता,पति,ससुर आदि पहले से राजनीति में हैं।उनको सभी पार्टियां सीधे ही या चुनाव के माध्यम से पदासीन कर देतीं हैं।

यही कारण है कि राजनीति में महिलाओं का आरक्षण होने के बावजूद अपना अलग से कोई बजूद नहीं बना पाया।

98% सीटों पर महिलाएं चुनाव तब लड़तीं हैं,जब महिला सीट हो, और उसमें भी टिकट वो ही लोग ले जाते हैं, जिनके पति,पिता या ससुर उस सीट पर चुनाव लड़ते,यदि वो जनरल होती।

यही कारण है कि जब कोई महिला चुनाव जीतती है, तो कहा जाता है कि ये तो बस हस्ताक्षर करेंगी,राजनीति तो इनके परिजन ही करेंगे।

इसके उलट जो महिलाएं स्वयं निर्णय ले सकतीं हैं, जो कुछ अच्छा कर सकतीं हैं, वो कभी परिवार के कारण,कभी धन के अभाव के कारण, और अधिकतर पार्टियों में कोई पद व टिकट न मिल पाने के कारण पीछे रह जातीं हैं।

राजनीति में महिलाओं के पद देखिए, 40 लोगों की लिस्ट में 4श्रीमती होतीं हैं, और कहीं 400 से अधिक में देखने पर,2 नाम के आगे सुश्री दिखेगा,मतलब लड़कियों को राजनीति में पद न के बराबर दिया जाता है, यही कारण है कि राजनीति में आजतक महिलाओं का प्रतिशत बहुत कम है।।

इंसान ईश्वर की पूजा अर्चना तो करता है, परन्तु ईश्वर से कुछ सीखना नहीं चाहता। ब्रह्मांड में सभी प्रमुख पदों की जिम्मेदारियां देवियां ही उठा रही हैं।

क्या कहीं कुछ गड़बड़ हुई?

नहीं ना,

देवी लक्ष्मी हो,सरस्वती हों या देवी पार्वती, सभी अपने-अपने उत्तरदायित्व समान रूप बखूबी  निभा रहीं हैं। हर महिला अपने घर, परिवार, समाज आदि की जिम्मेदारी बखूबी निभाती है,

इसके बाबजूद जब उसकी उपेक्षा की जाती है, तो उसका दुःखी होना स्वाभाविक ही है

जिस भारत ने दुनियाँ को नारी शक्ति से परिचित कराया,उसी देश में नारी की उपेक्षा  की जाती है।जर्मनी जैसे विकासशील देश की चांसलर महिला है,बंग्लादेश जैसे कट्टर मुस्लिम देश की प्रधानमंत्री महिला है।

मौजूदा सरकार में भी महिलाएं अच्छे पदों पर है और नैतिकता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहीं हैं, इसलिए महिलाओं को कमतर मत समझिए,उनकी भागीदारी बढ़ाइए,उनके भाग्य विधाता मत बनिये।।

समय रहते सुधार कीजिये, ईश्वर आपका सहयोग करेंगे।।

-जागृति गुप्ता

प्रदेश सचिव(ABVEP)

अवधपुरी दर्शन को जाऊँ

खुश हूँ मैं बहुत सुनो खुशी का तुमको राज बताऊँ आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ सुनो अवधपुरी में आज सभी है देव पधारे शिव इंद्र यक्ष गंधर्व...