अभी कल ही विदा होकर ससुराल पहुंचीं थी,हाथों की मेहंदी का सुर्ख रंग सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।
लोग नव बधू की मुँह दिखाई करने आ रहे थे,आशीर्वाद दिए जा रहे थे,सभी शुभ कार्य नई नवेली दुल्हन से ही कराए जा रहे थे,
कि तभी कुछ अनहोनी घटी और लड़के का देहांत हो गया😢
हँसी-खुशी का माहौल मातम में बदल गया।
वो लड़की जिसके हाथों की मेंहदी भी ना छूटी थी,
जिसे सदा सुहागन रहने के आशीर्वाद मिल रहे थे,पलक झपकते ही सब झूठे साबित हो गए; सुहागन का टाइटल बदलकर विधवा का ठप्पा लग गया😢
अनेकों रीति रिवाज शुरू कर दिए गए,
बिंदी,बिछुआ, मंगलसूत्र सब उतरवा लिया गया,
चूड़ियां तोड़ दी गयी,
सिंदूर धो दिया गया,
ये सब कार्य होते रहे,बिना लड़की की मनोस्थिति जाने।।
पहाड़ जैसा दुःख जिस पर अचानक ही पड़ गया,
आगे की पूरी जिंदगी पड़ी थी
दुनियाँ रीति रिवाजों के नाम पर,सब धोने पर अड़ी थी।।
जिस समय उसे सबसे अधिक सहारे की जरूरत थी,
उस समय लोग उसे देखना भी अपशगुन मान रहे थे।
धीमे-धीमे समय बीतने लगा,लोग शुभ-अशुभ कदम की चर्चा करने लगे,कुछ एक ताने भी मार देते,
कभी कभी तो उसे ऐसा लगता मानो हत्यारिन वो खुद ही हो।
अब कपड़ो के रंग निश्चित कर दिए गए,श्रृंगार से जुड़ी हर चीज के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई।
आखिर ये सब क्यों?
क्यों समाज रीति रिवाज के नाम पर फैलाये ढोंग के चलते किसी का दुःख, उसकी मनोस्थिति भी नहीं समझता😠
जब एक लड़की शादी से पहले चूड़ी,बिंदी,पायल,हर रंग के कपड़े पहन सकती है,
तो विधवा होने के बाद क्यों नहीं?
क्यों उसको एक लड़की मान कर ट्रीट नहीं कर सकते?
क्यों उसके दुःख को बांट नहीं सकते,
सिर्फ सिंदूर ही है,जिसे शादी के बाद ही मांग में भरते हैं, उसके अलावा ऐसा कुछ नहीं, जिसे शादी से पहले नहीं पहन सकते।।
कुछ लोग बिछुआ की कहेंगे, तो आपको बता दें, गुजरात में अनमैरिड लड़कियां भी पहनती हैं।
हालांकि समाज मे काफी कुछ बदलाव होने लगे हैं,विधवा पुनर्विवाह भी होने लगे हैं,
परन्तु लड़के की मृत्यु के बाद,उसकी पत्नी साथ होने वाले क्रिया कर्म अब तक नहीं बदले।
ये बदलाव हम आप ही ला सकते हैं,
हमें खुले मन से सोचने की आवश्यकता है,
स्वयं को उसके स्थान पर रखकर सोचने की आवश्यकता है,
किसी का सहारा छूटा है,उसे सहारा देने की आवश्यकता है।
समान दृष्टि से देखिये,सब सहज हो जाएगा।
रीति रिवाज वही अच्छे हैं, जिनसे प्रीत बढ़े।।
कृपया अपने विचार व सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य दें🙏
धन्यवाद😊

