जैसा खाओ अन्न,वैसा बने मन0
कहा जाता है,
जैसा खाओ अन्न वैसा बने मन।
जैसा पियोगे पानी वैसी होगी वाणी।।
आज #WorldVegetarianDay" यानी विश्व शाकाहारी दिवस है।
दोस्तों सात्विक भोजन का महत्व हमारे ऋषी मुनियों ने बहुत ही सहजता से बताया है।
तामसी भोजन से आपकी सोच राक्षसी बनेगी,
आज जो समाज में अत्याचार,हत्या,रेप से मामले बढ़े हैं उसमें वातावरण,शिक्षा,संस्कारों के अलावा खान-पान का भी महत्व पड़ता है।
सोचो जो लोग जीभ के स्वाद के लिए मासूम जीव की हत्या कर देते हैं, वो अन्य चीजों के लिए किस हद तक गिर सकते हैं,इसकी कल्पना कीजिये।
कुछ लोग कुतर्क करते हैं कि अंडा मांसाहारी नहीं होता,
या नॉनवेज में अधिक ताकत होती है,
तो दोस्तों अगर ऐसा होता,
तो ताकत की इकाई हॉर्स पॉवर न होती।
शेर कितना ही शिकार क्यों न कर ले,
मरने के वाद उसको खींचने के लिए बैलों का सहारा ही लिया जाता है।जो घास खाते हैं।
शाकाहार भोजन दिमाग के साथ दिल के लिए भी अच्छा होता है।।
जैसा पियोगे पानी वैसी होगी वाणी।।
आज #WorldVegetarianDay" यानी विश्व शाकाहारी दिवस है।
दोस्तों सात्विक भोजन का महत्व हमारे ऋषी मुनियों ने बहुत ही सहजता से बताया है।
तामसी भोजन से आपकी सोच राक्षसी बनेगी,
आज जो समाज में अत्याचार,हत्या,रेप से मामले बढ़े हैं उसमें वातावरण,शिक्षा,संस्कारों के अलावा खान-पान का भी महत्व पड़ता है।
सोचो जो लोग जीभ के स्वाद के लिए मासूम जीव की हत्या कर देते हैं, वो अन्य चीजों के लिए किस हद तक गिर सकते हैं,इसकी कल्पना कीजिये।
कुछ लोग कुतर्क करते हैं कि अंडा मांसाहारी नहीं होता,
या नॉनवेज में अधिक ताकत होती है,
तो दोस्तों अगर ऐसा होता,
तो ताकत की इकाई हॉर्स पॉवर न होती।
शेर कितना ही शिकार क्यों न कर ले,
मरने के वाद उसको खींचने के लिए बैलों का सहारा ही लिया जाता है।जो घास खाते हैं।
शाकाहार भोजन दिमाग के साथ दिल के लिए भी अच्छा होता है।।
शायद आपको पता न हो,पर आज #International_Day_of_Older_Persons यानी अंतराष्ट्रीय बृद्धा दिवस भी है।
सनातन धर्म में तो अनुशासन और सम्मान पर बहुत बल दिया गया है।वैसे कोई भी धर्म ऐसा नहीं होगा जो बुजुर्गों का अपमान करना सिखाता हो,
पर आज के बदलते परिवेश में लोग अपनी संस्कृति/सभ्यता ताक पर रख देते हैं,
और अपने परिजनों/बर्द्धजनों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं,जिसकी एक समय में कल्पना भी नहीं कि जा सकती थी।
"जो उनका आज है वही हमारा कल होगा"
इस सिद्धांत पर चलिए।
पर आज के बदलते परिवेश में लोग अपनी संस्कृति/सभ्यता ताक पर रख देते हैं,
और अपने परिजनों/बर्द्धजनों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं,जिसकी एक समय में कल्पना भी नहीं कि जा सकती थी।
"जो उनका आज है वही हमारा कल होगा"
इस सिद्धांत पर चलिए।
आज एक अक्टूबर को ये दोनों दिन मनाए जाते हैं।
अच्छा खाओ,
अच्छा व्यवहार करो।
अपनों के साथ से,सपनों के साकार होने की उम्मीद बढ़ जाती है।।
धन्यवाद।।
अच्छा खाओ,
अच्छा व्यवहार करो।
अपनों के साथ से,सपनों के साकार होने की उम्मीद बढ़ जाती है।।
धन्यवाद।।

