कुछ सरहद पर शहीद हुये
कुछ गलियों में मार दिए,
कुछ राजनीति के चक्कर में
कुछ समझौतों में मार दिए,
क्या कहें तमाशा भारत का
क्या कहें कहानी अब दुख की,
जब सेना भी न बच पाई
क्या बच पाएगी अब दिल्ली,
उठ जाग खड़े हो अब रण में
नापाक को तुम खत्म करो,
मंदिर बनवाकर अयोध्या में
राम राज का शुभारंभ करो
जागृति गुप्ता✍
