भाई जी
कहाँ से शुरू करूँ, कुछ समझ ही नहीं आ रहा😥सोचते थे आपकी बायोग्राफी हम लिख देंगे,आपके लिए कुछ लाइंस तो कई बार लिखीं,पर ब्लॉग पहली बार लिखेंगे😥
चैट पर एक बार किसी ने कहा था आपसे,कि जागृति जी बहुत अच्छा लिखतीं हैं; आपने पढ़ा क्या" तो आपने कहा था कि उसने कभी भेजा ही नहीं,"भेजेगी तो पढ़ लेंगे"
हम सोच रहे थे कुछ आपके लिए लिखेंगे,तो सब एक साथ भेज देंगे,पर नियती को कुछ और ही मंजूर था😭
आपको पहली बार जी न्यूज के "ताल ठोक के" प्रोग्राम में देखा था, धीमे धीमे उसे देखने की आदत बन गयी थी, फिर ट्विटर पर आपको फॉलो कर लिया,क्योंकि आपको देखना,सुनना दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका था,
कुछ रोज आप "जी न्यूज पर नहीं दिखाई दिए,
आपके ट्वीट्स को स्वेता जी ने लाइक किया,तो मामला थोड़ा कम समझ आया,पहले लगा कि शायद अच्छे पत्रकार हैं आप,इसलिए आजतक के पत्रकार भी आपका ट्वीट लाइक कर रहे हैं।
फिर अगले ही दिन आपका ट्वीट आया
"अफवाहों का दौर था कल तक,अब देखिए आजतक"
इस ट्वीट से प्रथम दृष्टया ये लगा कि आपने जी न्यूज को अफवाह वाला बता दिया, पर फिर समझ आया कि आपके टीवी पर न दिखने पर लोग जो कयास लगा रहे थे,वो सब अफवाहें थी,
आपने "आजतक" ज्वाइन कर लिया है।
कार्यक्रम का नाम "दंगल" चूंकि हम चैनल के बजाय आपके फैन थे,इसलिए सीधा चैनल बदलकर आपको देखना शुरु कर दिया।हम हमेशा कहते थे कि डिबेट आपसे बेहतर, आपकी तरह बेबाक होकर,कोई नहीं करा सकता।
5बजे का अलार्म सेट था, दंगल के साथ शाम की चाय, ये रूटीन बन गया था मेरे परिवार का।
पहले लगा कि कहीं आप आजतक में आकर बदल ना जाओ,सच कहना ना बंद कर दो,पर कुछ एक एपिसोड से समझ आ गया,कि आप वो सूर्य हैं, जो अपनी स्थिति ग्रहण के समय भी नहीं बदलता।आपके प्रति प्यार और सम्मान समय के साथ बढ़ता गया।फिर आजतक ने आपसे हमारा सीधे बात चीत का रास्ता बनाया-लाइव चैट
ये वो माध्यम था, जहां अब आप हमसे सीधे जुड़े थे,औऱ हम आपके समक्ष अपनी बात रख सकते थे।
भारत तक:-
आजतक ने दर्शकों के सवाल जवाब के लिए एक यूट्यूब चैनल बनाया, जिसमें एंकर दर्शकों के सवालों का सीधे जवाब देते थे।ये मेरे लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं था,
अपने चहेते पत्रकार से आखिर कौन नहीं जुड़ना चाहता है।
शुरुआत के दिनों में भारततक पर आप,स्वेता सिंह व गौरव सावंत जी आये,जिसमे आपकी टीम के कोई सदस्य आपको सवाल पढ़कर सुनाते,और फिर आप विस्तार से उसका जवाब देते। पर तब सवाल शामिल होना किसी लकी ड्रा जैसा होता था।
कुछ ही दिनों में आप मेरे नाम व मेरी विचारधारा से बाकिफ हो गए,
और आपने चैनल पर सभी को बोला, कि जागृति गुप्ता का तो मुझे नाम भी याद हो गया,ये हमारी पक्की वाली दर्शक है,जिस पर स्वेता जी ने भी हामी भरी।
कुछ दिन बाद "राष्ट्रहित विथ रोहित" आपके लिए व स्वेत पत्र स्वेता जी के लिए निर्धारित कर दिया गया।
अभी फिर कुछ समस्या आयी,चैनल ने भारत तक पर चैट को बंद कर दिया।उस समय परिवारिक कार्यक्रम में मेरी भी व्यस्तता रही,
जब फ्री हुए तो देखा कि लाइव चैट बंद हो गयी,पर कुछ ही दिनों बाद लाइव चैट का स्वरूप बदल गया,
यूपी तक-:
अब लाइव चैट वेब चैट में परिवर्तित हो चुकी थी,और ये यूट्यूब के यूपीतक पर भी लाइव रहती थी,आपके कहने पर सभी ने बड़ी संख्या में यूपी तक को सब्सक्राइब किया,
और यूपीतक को गोल्डन बटन मिला,
इस पर जब मैंने इस जीत का श्रेय आपको दिया,तो आपने बड़ी सहजता से कहा कि इसमें पूरी टीम की मेहनत लगती है, सबके प्रयास से ये बटन मिला; आपकी ये सादगी ही तो आपको महान बनाती थी।कई बार लोगों ने मुझे मेरे सवालों को लेकर आपसे सवाल किये, पर आपने उन्हें भी अच्छे से ही समझाया
आपके ऐसे जवाब ही थे,जिन्होंने आपको मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा बना दिया था।अब तक आप मेरे लिये कोई न्यूज एंकर या कोई सेलिब्रिटी ही नहीं थे,बल्कि मेरे भाई बन चुके थे।
मेरे भाई जी बोलते हुए जब एक वर्ष पूर्ण हुआ,तो मैंने बताया कि आज एक वर्ष पूर्ण हो गया आपको भाई जी बोलते हुए,
तो आपकी जो प्रतिक्रिया थी,उसे हम आजीवन नहीं भूल सकते
वेब चैट-:
अब न भारत तक न यूपीतक,
बस इतना ही नाम था, आजतक वेब चैट विथ रोहित सरदाना"
चैट निरंतर चलती रही, पुराने लोग गए,नए आये; इस दौरान यदि कोई नहीं बदला तो वो थे हम और रोहित भाई जी।
कितने बार लोगों ने कम्पेयर किया,कितने ही बार बोला कि जागृति बस करो, तुम्हारे सवाल बहुत हो गए,वहीं कुछ लोग ये भी कहने आते कि लाइव चैट में आपके सवालों का और रोहित जी के जवाबों का इंतजार रहता है।
चूंकि आपने ही सिखाया था कि टॉलरेंट होना बहुत जरूरी है, इसलिए कभी किसी से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं की चैट में।
बहुत खुशी होती थी,जब आप मेरे सवालों की सराहना करते,जब आप बताते कि आपने मेरा ट्वीट देखा था, आप मेरे वीडियो देखते हो,
पर ये खुशी इतने कम दिन चलेगी,ये स्वप्न में भी नहीं सोचा था।
मेरी माँ का निधन-:
पिछले वर्ष कोरोना की बजह से जब लाइव चैट बंद चल रही थी,उसी दौरान 11 अगस्त 2020 को पूर्णतयः स्वस्थ मेरी माँ का अचानक ह्र्दयगति रुकने से निधन हो गया😥
हम पूरी तरह टूट चुके थे,पर जब आपको लाइक चैट के कुछ सदस्यों की मदद ये बात पता लगी,तो आपने मुझे ईमेल की,जिसमें आपने लिखा था,कि "इस दुःख की घड़ी में मुझे अपने साथ समझो" इन शब्दों ने बहुत हिम्मत दी थी मुझे।
कुछ दिन बाद ही प्रमिला जी का भी संदेश मिला,तो कभी ऐसा लगा ही नहीं कि हम को फैन या फॉलोवर हैं, क्योंकि इतना पारिवारिक स्नेह सिर्फ कोई अपना ही दे सकता है।
माँ के जाने के करीब 3माह बाद हम लाइव चैट से पुनः जुड़े,और वह क्रम निरंतर चल रहा था,कि तभी ध्यान गया कि आप चैनल पर नहीं आ रहे हो
20 अप्रैल 2021
जब आपको 3दिन लगातार चैनल पर नहीं देखा,तो पहले लगा कि शायद आप छुट्टी पर हैं, फिर चैट के ही हमारे एक साथी के ट्वीट से मन इतना विचलित हुआ कि मैंने मैसेज करके आपसे कुशल मंगल व चैनल पर न आने का कारण पूछा,
आपने बताया सब ठीक है, अगले हफ्ते से आएंगे।
मन को तसल्ली हो गयी कि सब ठीक है।
फिर 2-3दिन बाद आपने अपने स्वास्थ्य के बारे में ट्वीट किया कि आपके CT-SCAN में कोविड़ की पुष्टि हुई है।
मन फिर से घबरा गया,आपको फिर से मैसेज करके ठीक से खाने पीने आदि की सलाह दे डाली।
चूंकि आप उस समय भी कोविड़ पेसेंट की मदद के लिए ट्वीट करते रहते थे, तो लगता था कि आप जल्द हमारे बीच पूर्णतयः स्वस्थ होकर लौटेंगे।
28 अप्रैल 2021 को फिर से मैसेज करके आपके हाल चाल पूछे,आपने कहा "पहले से बेहतर"
मन में खुशी थी,निश्चिंत थे हम।
30 अप्रैल 2021-:
हम अस्पताल गए थे, वापस आकर पास ही मौसी के घर चले गए,फोन रख दिया था।
कुछ देर बाद मेरा कजिन बोला, दीदी "रोहित सरदाना नहीं रहे"ये सुनकर हमने उसपर गुस्सा किया,कहा फालतू बातें मत करो,वो बोला, दीदी मजाक नहीं कर रहे, आपके भाई की पोस्ट है,इतना सुनते ही दिमाग सुन्न हो गया,आँखों से बस आंसू आ रहे थे,फिर फोन देखा,तो ट्विटर,मैसेंजर,व्हाट्सएप सभी पर एक ही खबर,
कई लोग कंफर्म करने के लिए मैसेज कर रहे थे,पर होश कहाँ था कि किसी को ज्यादा कुछ बोलते।
एक सूर्य सा चमकता सितारा अस्त हो चुका था, पूरा भारत शोक में था, एक उभरते व्यक्तित्व ,बेहतरीन इंसान का इस तरह से जाना हर किसी को खल गया,
वो बुलंद आवाज,जो न जाने कितनों को न्याय दिला चुकी थी,न जाने कितनों के जीवन को रोशनी से भर चुकी थी,अब हमेशा के लिए खामोश हो गई
मेरे जीवन की ये अपूर्णीय क्षति है😥भाई जी जैसा कोई कभी नहीं हो सकता।
न जाने क्यों ईश्वर तूने ये दिन दिखाया,
मासूम से बच्चों का यूँ दिल दुखाया
रोता है परिवार संग सब यार दोस्त भी
क्या दोष था इनका,तूने कभी न बताया😭😥
हमेशा याद आओगे भाई जी🙏🏻😥

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ReplyDeleteYou written very nice, heart touching post.
ReplyDeleteGod bless you, Miss u Rohit sir😢😢
*Vinod jinagal
Delete🙏🏻😥
DeleteMissing him so much...sham ke 5 bje rohit ji ka dangal or apni chay..unke jane ke bad to news dekhna hi chhod diya..ita dynamic person ko bhgwan iti jaldi bula lenge socha na tha shayd bhagwan ko b unki jrurt rhi hogi...hmesa yad aaoge rohit bhai....
ReplyDelete😥बाकई उन्हें भूलना किसी के लिए भी संभव नहीं होगा
DeleteMissing him a lot. Lagta hi nahi wo chale gaye. Sir ko dekhne ki, sunne ki adat ho gayi thi aur abhi toh rona ana bhi band ho gya hai. 🥺😔 Bhagwan se hamesha yeh shikayat rahegi ki unhone ek aise insaan ko humse door kar diya jiski sabko itni zyada zarurat thi.
ReplyDelete😥
DeleteRight,
Unki sabhi ko bahut jyada jrurat thi.
Main b bhai hi manti hoon Rohit bhai ko bas kabhi bol nahi pai
ReplyDelete
Delete😔🙏🏻