Saturday, 10 October 2020

Maa

मेरी माँ
जन्म लेने के बाद जिसने सबसे पहले अपने सीने से लगाया,वो थी मेरी माँ😍
एक बेटी होने के बावजूद मुझे प्यार और स्नेह भरपूर मिला,सब मुझे बेहद प्यार करते थे।
पर मैं सबसे अधिक प्यार अपनी माँ से ही करती थी।
मैं उनको कहती भी थी,कि दुनियाँ में आपसे अधिक प्यार मैं कभी किसी को नहीं कर सकती।
बचपन के 3साल तो मुझे याद नहीं,पर उसके बाद का सब कुछ याद है।
मेरी माँ ने अपने जीवन में कभी मुझे डांटा नहीं,मारा नहीं।
वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी,मुझसे जुड़ी,मेरे दोस्तों से जुड़ी सारी बातें मैं मेरी माँ से शेयर करती थी।।
मेरा मेरी माँ से कनेक्शन जुड़वा बहनों जैसा था,
अगर उनको कोई शारिरिक-मानसिक परेशानी होती थी,तो वो मुझे भी होती थी,
जैसे यदि माँ को सरदर्द है, तो मुझे भी होगा
मेरी माँ को पेट दर्द है, तो मुझे भी होगा
यदि वो कुछ करवाना चाहती थीं,तो मैं उनके बोलने से पहले कर चुकी होती थी।
मेरे दोस्त हमारे इस कनेक्शन से परिचित थे,वो कभी कभी मजाक में कहते भी,कि तुम्हारे जैसा कनेक्शन नहीं देखा।
मैं खुद भी मम्मी से कहती थी,कि तुम दवाई खा लो,
मैं अपने आप ही ठीक हो जाऊँगी।

जिंदगी इतनी अच्छी चल रही थी, कि मुझे कभी किसी चीज की चाहत ही ना थी,जो था मेरे पास,मैं उसी में बेहद खुश थी।
मेरी माँ धार्मिक प्रवत्ति की,अनुशासित व बेहद सुलझी हुई महिला थी।
मैं,मेरे भाई बहिन शुरू से बाहर ही पढ़े,पर ऐसा कभी कोई त्यौहार नहीं गया, जब हम घर पर ना आये हों।
मेरा परिवार पूरी खुशहाली के साथ जीवन को बेहतर ढंग से जी रहा था,साल बीतते देर नहीं लगती।
31 दिसम्बर 2019 को हम अपने घर से दिल्ली के लिए रवाना हुए और 15जनवरी को बैंगलोर,पहुंच गए।

आगमन हुआ साल 2020 का-:

साल की शुरुआत अच्छी थी,फरवरी 2020 में दीदी ने बेटे को जन्म दिया,और हमारे परिवार की खुशियां बढ़ा दी।
मार्च में घर वापसी के ठीक 2दिन पहले ही लॉक डाउन हो गया,फ्लाइट्स कैंसल हो गयीं,
और हम बैंगलोर में कैद हो गए।
लंबे अंतराल के बाद जब ये खुला तो 2जून को मेरी दिल्ली वापसी हुई,औऱ नियम के हिसाब से हम 14जून को घर वापस आये।
मेरी माँ मुझे देखकर बेहद खुश थीं,
हालांकि इन 6महीनों में ऐसा कोई दिन नहीं गया,जब हमने माँ से दिन में 3-4बार वीडियो कॉल ना की हो।

घर में बिल्कुल त्यौहार वाला माहौल रहता था,क्योंकि हम सब भाई-बहन लंबे समय बाद एक साथ थे; ऐसा अधिकांश त्यौहारों पर ही संभव होता था।

30 जुलाई को मेरा जन्मदिन था,
मेरी माँ ने मेरा केक कटवाया और मुझे तिलक करके 500₹ दिए,
पूरे परिवार के साथ हँसी-खुशी ये दिन गुजरा।

आगे भी सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था, हम सब पूरे टाइम हँसी-मजाक,खाने पीने में लगे रहते।
मम्मी जन्माष्टमी के लिए मेवे खरीद लायी थी,
उनको हर चीज करीने से और समय से करने की आदत जो थी।

9अगस्त को मेरे छोटे भाई का जन्मदिन था, मम्मी ने हम सभी को तैयार होने के लिए बोला,मेरी बहन और मुझसे कहा कि हम दोनों साड़ी पहनें, पर हम दोनों ने ही मना कर दिया,
और कहा कि साड़ी नहीं पहनेंगे,पर वैसे तैयार होंगे,कुछ और पहन लेंगे।
हमें नहीं पता था कि ये बात मम्मी जिंदगी में कभी दोवारा कहेंगी ही नहीं।
मम्मी ने जन्मदिन पर दही की गुजिया,पूरी,कचौरी,खीर,पनीर,पुआ सब बनाया।
शाम को हम सब को तैयार होने को कहा,तो हम सब तैयार हुए,पर मम्मी उस दिन कुछ ज्यादा ही तैयार हुई,ऐसे वो किसी के जन्मदिन पर तो पहले कभी तैयार ही नहीं हुई थी।
उनको उसदिन देखकर मेरे मन में कुछ सेकंड के लिए अंजान सा भय आ गया,और हमने मन में ही ये कहा,"भगवान अगले जन्मदिन पर भी मेरी मम्मी,मेरे भाई का इसी तरह से जन्मदिन मनाएं"

हालांकि इस डर को मैंने किसी के सामने कहा नहीं,क्योंकि ये मन का भय था,और फिर हम तिलक करने और फोटो आदि लेने में व्यस्त हो गए।
जन्मदिन के खूब सारे फोटो वीडियो हम सब ने लिए।
काफी सारी फोटो लेने के बाद मम्मी ने छोटे भाई से कहा,कि एक फोटो वो उनके साथ अलग से ले ले,कभी कहीं लगानी पड़े,उसके लिए।
उनकी ये बात सुनकर, मुझे और मेरे भाई, हम दोनों को ही लगा कि मम्मी ऐसे क्यों बोल रहीं।
जबकि वो बहुत खुश और स्वस्थ थी।।
फिर रात को डिनर करके,हम सब हँसी खुशी सो गए।

9अगस्त 2020 की रात-:
रात करीब 1 बजे मम्मी के रोने की आवाज से मैं और मेरा भाई जागे,हम मम्मी को बहुत चुप करा रहे थे,पर वो सिर्फ रोये जा रही थी,
इतनी तेज और इतना दुःखी होकर,वो हमारे सामने कभी नहीं रोयीं थीं।
हम सब भाई बहन व डैडी उनको चुपाने में लगे थे, पर वो चुप ही नहीं हो रहीं थीं,
फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या कोई बुरा स्वप्न देख लिया,
तो बोलीं हाँ,
मैंने उनको समझाया,कि स्वप्न था,
अब चुप हो जाओ,
औऱ देखो सब तुम्हारे सामने ही बैठे हैं।
पर वो फिर भी चुप नहीं हुईं,
फिर मैंने पूछा कि आखिर क्या स्वप्न देखा?
स्वप्न-:
उन्होंने बताया कि मम्मी के साथ डैडी,दीदी व छोटा भाई है,
कोई महिला उन लोगों पर कोई पीले रंग का पदार्थ डालने के लिए दौड़ रही है,
वो उससे सभी को बचाना चाहती हैं, और सभी को तेज चलने को कहतीं हैं।
डैडी को वो वहां से पहले निकाल देतीं हैं, पर दीदी और भाई नहीं निकल पाते,तब तक वो महिला वो पीला पदार्थ डाल देती है।
इसके बाद एक गद्दा फोल्ड किया हुआ रखा है, जिसको वो सीधा करतीं हैं, तो उसमें डेड बॉडी रखीं हैं,
उनको वो खोलकर देखतीं हैं,
तो कोई भी घर का सदस्य नहीं होता है।
वो करीब 2बजे तक रोयीं,फिर उनको समझाकर, चुप कराकर सुला दिया।

10अगस्त 2020-:
सुबह सभी लोग जागे, अच्छे से पूजा पाठ किया।
सोमवार था,तो मेरा और मेरी सिस्टर का उपवास था,
उस दिन खाना मम्मी ने ही बनाया,हम दोनों से कहा कि हम भी कुछ व्रत वाला खा लें,
हम दोनों ने मना किया,तो वो नाशपाती काटकर ले आयीं,
केले मंगवाए,हम दोनों ने ही सबकुछ उनके कहने से खाया।
शाम को भी मम्मी ने हम दोनों को खाना नहीं बनाने दिया।
हमसे थाली लगवाई और रोटियां स्वयं ही बनाई।
सभी लोग खाना खाकर लेट गए।
हम सब इधर उधर की बातें करते रहे,
फिर मम्मी छोटे भाई के पास अंदर लेटने चलीं गयीं।

हम लोग डैडी के साथ लॉबी में लेट गए।
तब 10:30 पर मम्मी बाहर आयी औऱ बोली,खीर नहीं दी किसी को तुमने,
मैंने बोला नहीं,
तो माँ बोली कल जन्माष्ठमी का व्रत रहेगा,तो आज ही सभी को खिला दो।
हमने बोल दिया,अब तुम ही दे दो।
मम्मी ने सभी को खीर खिलाई,और खुद भी खाकर लेट गयीं।

करीब 11 बजे अचानक तेज बारिश आ गयी,
हम सब बिस्तर लेकर अंदर आ गए।
मम्मी ने अपने बेड की डायरेक्शन बदली और लेट गयीं।
हल लोग कमरे में सोने चले गए।
11:15 बज चुके थे कि तभी मेरी छोटी सिस्टर कमरे स्व बाहर निकली, तो देखा कि मम्मी बैठी हुई हैं,
उसने पूछा कि क्या हुआ,क्यों बैठ गयी,तो उन्होंने पानी देने के लिए इशारा किया।
तुरंत ही हम बाहर आ गए,मैंने देखा तो मम्मी के हाथ एकदम ठंडे हो चुके थे,फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ है,
तो बोली,"लगता है खीर नुकसान कर गयी,
हमने उनसे कहा,क्या बात करती हो मम्मी,खीर नुकसान नहीं करेगी,
बताओ अब क्या लेकर आएं,
तो बोली कि चाय ले आओ।
हम चाय बनाने गए,तो बहन से बोली, वॉशरूम जाना है, वो लेकर गयी,तो वापस आते ही मम्मी को तेज दर्द शुरू हो गया।
वो बोली कि पेट में दर्द है,
तो हमने कहा,डॉक्टर को बुला लेते हैं, तब तक लो चाय पिओ,
उन्होंने मना किया,पर हमने 2शिप  चाय उनको पिला दी।
उस रात हमारे फैमिली डॉक्टर बाहर थे,तो हम दूसरे डॉक्टर के यहाँ गाड़ी से पहुंचे,
तब तक दर्द बहुत तेज और ऑक्सीजन रेट कम हो गया था,
ऐसी हालत में मम्मी सिर्फ "हे राम!" कह रहीं थी,
और फिर अचानक बोलीं कि "अब नहीं बचेंगे"
ये सुनते ही हम सब रोने लगे,
उस क्लीनिक में ऑक्सीजन खत्म थी,हम दूसरे अस्पताल पहुंचे,जहां ऑक्सीजन लगाकर,डॉक्टर ने सैफई के लिए रैफर कर दिया।
एम्बुलेंस आ चुकी थी,
हम सैफई के लिए निकले,तो भी मम्मी दर्द से तड़प रहीं थी,
40 मिनट में हम सैफई पहुंच गए।
सैफई में डॉक्टर्स को पहले ही इन्फॉर्म कर चुके थे, तो डॉक्टर की टीम तैयार खड़ी थी,
पर ऑक्सीजन का सिलेंडर वहां जो आया,वो खाली था,
फिर दूसरा सिलेंडर आया,
ये सब होने में 10मिनट लग चुके थे,
घड़ी की सुइयाँ 1बजा चुकी थी,कि हम इमरजेंसी के गेट पर पहुंचे,
हम अंदर जा पाते,डॉक्टर कुछ कर पाते कि तभी मम्मी ने तेज गहरी सांस के साथ शरीर छोड़ दिया।
पर कहते हैं ना कि जब अपना कोई होता है, तो उम्मीद बनी ही रहती है।
डॉक्टर ने सीपीआर दिया,EGC किया और सीवियर हार्ट अटैक बताकर, माँ को मृत घोषित कर दिया😢😭

अचानक ही मेरे हँसते खेलते परिवार में मातम छा गया,
अभी माँ के उस दुःस्वप्न्न को ठीक 24घण्टे हुए थे,
अब रोने की बारी हमारी थी,
वो जिंदगी में एक ऐसा खालीपन दे गयीं,जिसकी क्षति अपूर्णनीय है।

मेरी माँ का नाम राधा था,और जन्माष्टमी पर वो कृष्ण में विलय हो गईं।
जिंदगी में उनके दिए संस्कारों का आकार कोई बदल नहीं सकता🙏
उन्होंने कभी किसी से वैर भाव नहीं रखा, वो हर किसी से प्रेम भाव रखतीं थीं,
यही कारण है कि ऐसे कई मिलने वाले और रिश्तेदार ये कहते हैं कि उनके जाने से,उनका भी परिवार टूट गया।
ईश्वर से बस यही शिकायत है कि उन्हें असमय मेरी माँ को अपने पास नहीं बुलाना चाहिए था😭
वो अब जहां भी रहें,सकुशल रहें😍
नमन आपको🙏
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि😥💐

44 comments:

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    1. आपकी माँ की इस तरह से परमात्मा से विलीन होना मेरे लिए अति कष्टदायक है क्युकि मैने भी अपने माँ को इसी स्थिति में खोया है और मैं भी अपने माँ से बहुत प्यार करता हूँ । भगवान आपको इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे। ऊँ शांति 🙏

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  2. भगवान आपको इस दुख को सहन करने की शक्ति दे 🙏

    सपने तो सबको आते हैं, कई बार बहुत बुरे बुरे सपने भी आते हैं, पर बुरे सपने के कारण कोई भी इतना नहीं रोता है।

    उस सपने और रोने के पीछे क्या रहस्य था?🤔

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    1. शायद उन्हें साक्षात मौत दिखाई दी,जिससे उन्होंने अन्य पूरे परिवार को तो बचा लिया,पर स्वयं नहीं बच पाई।।
      अपने बच्चों पर संकट आता देख के रोयीं😭

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    2. Ishwar apko himmat de wo hamesha apke sath hn...

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  3. जी
    अब बस वही यादों और संस्कारों की पूंजी ही बची है🙏

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  4. I felt very shocked hearing the news of your mother from tweeter , I hope you and family recover very soon , your mother went to heaven with Lord Sri Krishna ... Blessing of mother always be with you and family ...

    Jai Shree Krishna

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  5. ईश्वर माता जी की आत्मा को शांति प्रदान करें और जहां भी हो खुश रहें तो बच्चे भी खुश रहेंगे

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  6. Bagwaan aapki maataji ko shanti de didi. Aapko aapke pariwar ko shakti de.

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  7. भगवान आपको इस दुःख की घड़ी शांति दे

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  8. बहुत दुखद कहानी है आपकी हम लोग क्या कर सकते हैं आंख में आंसू आ जा रहे हैं पढ़कर भगवान माता जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और अगले जन्म में आप उनको ही मां के रूप में प्राप्त करें शत शत वंदन एवं नमन

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    1. यही ईश्वर से मेरी भी कामना है😥🙏

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  9. Meri maa ka bhi 03rd sept ko dehant ho gaya hai. Mere liye bhi ye bahut hi dardnak hasda hai..

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  10. मैं ईश्वर से इस बहुत बड़ी दुख को आपके परिवार वालों को सहन करने की शक्ति मांगता हूं,
    आपकी माता जी को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे,
    परिवर्तन संसार का नियम है,जन्म मृत्यु भी संसार का नियम है,
    दुख सुख आते जाते रहेंगे,
    बस मैं ईश्वर से यही कामना करता हूं कि आप लोग इस अपूर्णनीय क्षति जो आपके परिवार में हुई है,
    आप लोग उससे उभरे,आपका परिवार फिर से पहले की तरह हंसता खेलता नजर आए।।

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  11. Hello जागृति��
    मैं अभिषेक सिन्हा, आपका ट्विटर पर एक फॉलोवर।
    आपका पूरा ब्लॉग पढ़ा, बहुत ही दुखद हुआ जिसकी भरपाई किसी भी तरह से संभव नही है, लेकिन जीवन मे यदि आगे बढ़ना है तो आपको स्वयं को recollect करना होगा , और निरंतर आगे बढ़ना होगा��
    के दिनों से देख रहा हूँ आप शोक में डूबी हुईं है लेकिन मा को यदि सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो स्वयं में फिर से स्फूर्ति भर कर आपको आगे बढ़ना है।
    वैसे मेरी मुलाकात आपसे कभी नही हुई लेकिन कुछ लोग डोर रह कर भी प्रेरित करते रहे हैं और उनमें से आप एक हैं।��
    जो हुआ वो एक शास्वत सत्य था, और आपका अग्रिम जीवन भी एक यथार्थ सत्य है, उस शोक से उबर कर आप सदा आगे बढ़े हम आपके सदैव साथ हैं��
    आपका साथी
    अभिषेक सिन्हा
    उन्नाव।
    मो.न.~ 8707245517

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    1. आपके शब्द प्रेरणादायक हैं,
      परिस्थितियां कई बार आपको अंदर तक तोड़ जाती हैं, उन्हें जुड़ने में थोड़ा समय लग रहा है🙏

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  12. बेहद दुःखद !

    भगवान आपको ईस दुखद समय से संभलने का बल दे ... परिवार का खयाल रखें

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  13. This comment has been removed by a blog administrator.

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  14. मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है,
    जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है।

    प्रभु से प्रार्थना करता हूं कि पवित्र आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे 🙏🙏🙏🙏🙏

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  15. Mata ji jaha bhi ho bhgwan unko khush rakhe unki aatma ko shanti de. Bahut bura huaa bhgwan aap ko aap ke parivar ko Shakti de

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  16. God unki aatma ko shanti de. or ap or apke privar jano ko dukh ki ghadi me ksht shne ki shamta. M janta hu k ye lmha jindgi bhr ni bhulaya ja skta lekin fir bhi aap se vinti kruga k aap khud smbhle or apne privar ko smbhale. Vinamra shradhanjali

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  17. बहन आपनकी माँ को प्रणाम ,आपकी माँ राधे स्वरूप थी ,अब एक बात बोलू हम सब भाई आपके पास ही है अब कभी माँ के लिए रोना मत,वो आपके पास हम जैसे भाइयो को छोड़ के गयी है, हम सदैव आप के साथ सब है😍🙏🏼

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    1. आंसू समय समय पर आ ही जाते हैं,
      आप सभी का साथ ही हिम्मत दे रहा है

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  18. ये सब पढ़कर मैं भाव विभोर हो गया मेरे आंसू नही रुक रहें हैं जागृति तुमने इतना मार्मिक लिखा कि मैं शब्दोँ में व्यान नही कर सकता मेरी पुज्यनीय भाभी जी को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। भगवान आप सभी को शक्ति प्रदान करें ताकि आप सभी परिवार जन उनके सपनों साकार कर सकें।🙏🙏


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    1. चाचा जी,लिखने को तो जिंदगी भर की तमाम सुखद यादें हैं,
      पर ये घाव इतना गहरा है, कि दिमाग काम करना बंद कर देता है।।
      सभी लोग पूछते थे,क्या हुआ,
      तो बताने में कष्ट बढ़ता ही था,
      इसलिए ब्लॉग लिखकर सबको अवगत करा दिया।

      जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश जारी है🙏
      आप भी ध्यान रखिये,चाची जी का

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  19. mujhe toh aapki aap biti sun kar rona aa gaya. om shanti, ishwar aapki mata ji ki aatma ko apne sricharno mai sthan de. om shanti, naman 🙏🏻

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    1. ईश्वर तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे. समय के साथ सब धीरे-धीरे बदल ही जाता है.कितना भी गहरा घाव, समय भर देता है उसको.इस संसार में हम सब ईश्वर की कठपुतलियां हैं,जैसी इच्छा होती है ईश्वर की वैसे वह हमको रखते हैं.इंसान के हाथ में कुछ नहीं.............

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  20. ओम शांति ईश्वर से प्राथना करता हूं आपको इन दुःख के समय मे शक्ति दे और आप हौसला बनाये रखना 🙏🙏

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Thanks a-lot

अवधपुरी दर्शन को जाऊँ

खुश हूँ मैं बहुत सुनो खुशी का तुमको राज बताऊँ आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ सुनो अवधपुरी में आज सभी है देव पधारे शिव इंद्र यक्ष गंधर्व...