ज़िन्दगी हमेशा की तरह चली जा रही थी,
वही रास्ते,
वही रोज के काम,
वही सोना
वही जगना
कि अचानक कोरोना नामक वायरस ने चीन में दस्तक दे दी।
देश-दुनियाँ की खबरों के माध्यम से हम सभी चीन में इस वायरस के फैलने और उससे होने वाली मौतों के बारे में सुन रहे थे।
इस भय से अंजान कि आखिर हमारे देश की सीमा भी चीन से मिलती है,हम बिना किसी चिंता-आशंका के अपने जीवन में व्यस्त थे।।
कि तभी देश की तरफ तेजी से आते कोरोना नामक खतरे को हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने भांपा और सभी एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी।
पर कहते हैं ना कि किस्मत चार पैर आगे चलती है, जिसको हम एयरपोर्ट पर ही रोकने का प्रयास कर रहे थे,वो तो पहले ही देश के अंदर आ चुके थे।
जी हाँ, जब तक प्रधानमंत्री जी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई,तब तक कोरोना देश की वित्तीय राजधानी में दस्तक दे चुका था।
अब बारी थी इसे घर में ही रोकने की,
इसलिए सबसे पहली बार जनता कर्फ्यू का आवाहन किया गया; जिसे हँसी खुशी हम सभी ने माना और सांय 6बजे ताली थाली घण्टा, शंख आदि से अपने देश के वीर सैनिकों,डॉक्टरों व अन्य सेवा कर्मियों का धन्यवाद किया।।
अभी आमजन इसकी भयाभयता से अंजान ही थे,
कोरोना के मामले बढ़ते देख माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश मे पहले लॉक डाउन वन की घोषणा कर दी।।
लॉकडाउन होते ही राज्यों ने अपनी सीमाएं लॉक कर दी,
रेलवे,एयरवेज, सब बन्द कर दिए गए,
जो जहां था वहीं फंसा, लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहा था।।
वही रास्ते,
वही रोज के काम,
वही सोना
वही जगना
कि अचानक कोरोना नामक वायरस ने चीन में दस्तक दे दी।
देश-दुनियाँ की खबरों के माध्यम से हम सभी चीन में इस वायरस के फैलने और उससे होने वाली मौतों के बारे में सुन रहे थे।
इस भय से अंजान कि आखिर हमारे देश की सीमा भी चीन से मिलती है,हम बिना किसी चिंता-आशंका के अपने जीवन में व्यस्त थे।।
कि तभी देश की तरफ तेजी से आते कोरोना नामक खतरे को हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने भांपा और सभी एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी।
पर कहते हैं ना कि किस्मत चार पैर आगे चलती है, जिसको हम एयरपोर्ट पर ही रोकने का प्रयास कर रहे थे,वो तो पहले ही देश के अंदर आ चुके थे।
जी हाँ, जब तक प्रधानमंत्री जी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई,तब तक कोरोना देश की वित्तीय राजधानी में दस्तक दे चुका था।
अब बारी थी इसे घर में ही रोकने की,
इसलिए सबसे पहली बार जनता कर्फ्यू का आवाहन किया गया; जिसे हँसी खुशी हम सभी ने माना और सांय 6बजे ताली थाली घण्टा, शंख आदि से अपने देश के वीर सैनिकों,डॉक्टरों व अन्य सेवा कर्मियों का धन्यवाद किया।।
अभी आमजन इसकी भयाभयता से अंजान ही थे,
कोरोना के मामले बढ़ते देख माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश मे पहले लॉक डाउन वन की घोषणा कर दी।।
लॉकडाउन होते ही राज्यों ने अपनी सीमाएं लॉक कर दी,
रेलवे,एयरवेज, सब बन्द कर दिए गए,
जो जहां था वहीं फंसा, लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहा था।।
👍
ReplyDeletehttps://twitter.com/JagratiGupta3/status/1269349716120285184?s=19
ReplyDeleteसीधे सीधे मुद्दे पर आता हूं। अपने देश में एक ऐसा वर्ग है जहां देश हित के लिए गए सही निर्णय भी उनको गलत लगते है। इस वैश्विक महामारी में विरोधी पक्ष सरकार का साथ देने के बजाय ओछी राजनीति में ही व्यस्त है। कोरोना ने आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया है। कोरोना ने चीन की मंशा क्या है पूरी दुनिया को बता दिया। पिछले 2 से 3 महीने पूरे विश्व के सभी कोरोना फाइटर्स ने भी अपनी जानें गवाई है ताकि औरों की जान कोरोना से बच सके। हॉस्पिटल स्टाफ कर्मचारी,पुलिस प्रशासन,सफाई कर्मचारी इनकी भी हालत गंभीर थे। मजदूर,किसान छोटे 2 व्यावसायिक इनपर कोरोना का सबसे अधिक प्रभाव पडा है। अब समय आ चुका है आत्मनिर्भर होकर चीन कि औकात दिखाने का।
यथार्थ है
Delete👍🙏🙏
ReplyDelete😊
Delete🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻👌👌
ReplyDeleteधन्यवाद🙏
Deleteकृपया अपना नाम अवश्य लिखें😊
good
ReplyDeleteThanks 😊
DeletePlease write your name