कश्मीरी पंडित
दोस्तों आज कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को निकले 30 साल पूरे हो गए,पर अफसोस कि उन्हें उनका घर आजतक वापस ना मिला,
उनको न्याय नहीं मिला।।
इसके पीछे राजनैतिक कारण ही रहे।
पर दोस्तो क्या अपने कभी सोचा कि क्यों भारत में हिंदू ही सताया गया,कैसे हम गुलाम बने।
यदि नहीं सोचा तो अब सोचिए
1990 में कश्मीर की मस्जिदों से ये एलान किया गया कि या तो कश्मीरी पंडित अपना धर्म बदल लें,या घर छोड़ दें।।
उस समय जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे,
और देश में कांग्रेस की सरकार थी,सत्ताधारी पार्टी के किसी नेता ने इसका विरोध नहीं किया।
नतीजा ये निकला कि तमाम कश्मीरी पंडितों का कत्ल कर दिया गया,महिलाओं का बलात्कार किया गया,
उस समय जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे,
और देश में कांग्रेस की सरकार थी,सत्ताधारी पार्टी के किसी नेता ने इसका विरोध नहीं किया।
नतीजा ये निकला कि तमाम कश्मीरी पंडितों का कत्ल कर दिया गया,महिलाओं का बलात्कार किया गया,
किसी को जिंदा ही तेजाब में डाल दिया गया।
पर अफसोस इतने वर्षों तक सरकारों ने कुछ ना किया
अफसोस हिन्दू सब देखकर सोता रहा।।
1992 में जब आपने बाबरी विध्वंस किया,तभी यदि कश्मीर की तरफ भी कूच कर जाते,
तो आज देश को CAA की जरूरत ना रह जाती,
आज सब अपने घरों में होते,
और किसी भी इस्लामिल संगठन की हिम्मत ना होती हम पर गुर्राने की।
उस समय इंटरनेट की सुविधा नहीं थी,
सोशल मीडिया नहीं था,
अखबार में वो आता,जो सरकार या मालिक चाहता
और चैनल का भी वही हाल था।
हमारे देश के गुलाम होने के पीछे भी यही कारण था,
अलग अलग राज्य मुगलों से लड़ते रहे,
संगठित होकर नहीं लड़े,
यदि हम संगठित होकर लड़ते,तो कोई भी देश समुद्री सीमा पार करके हमारे देश पर आक्रमण ही नहीं कर पाते।।
हम अपने अपनों को बचाते रहे,और एक दिन अपनों को भी गंवा बैठे।
इतिहास फिर से दोहरा रहा है,
हम पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को जो 31/दिसंबर/2014 के पहले भारत में आ गए,भारत उन्हें नागरिकता दे रहा है
यहां हम सब एक ही तरह के लोग अपनी जान बचाने के खातिर एक ही जगह(भारत) एकत्र हो जाएंगे,
फिर एक दिन या तो आक्रमण हो जाएगा,
या उड़ा दिए जाएंगे।
बेहतर होगा यदि हम संगठित रहें,किसी भी देश में क्यों ना हो,हम अपनों की मदद करें,क्योंकि हिंदुओं का कोई देश नहीं बचा विश्व में,क्योंकि भारत भी सेक्युलर है।
सच पूछो तो विश्व पटल पर हिंदू ही अल्पसंख्यक है।।
हमें सीखना होगा त्रेतायुग से,
राम जी ने सुग्रीव की मदद करके पंपापुर को बाली से मुक्त कराया और सुग्रीव को वहां का राजा बना दिया।
यही लंका में किया,रावण को मारकर शांति स्थापित की और विभीषण को वहां का राजा बनाया।
वही आज की सरकार करे,
बेशक 2014 से पहले आये लोगों को नागरिकता दे;
पर साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश पर ऐसी कार्यवाही भी करे,ताकि वहां के किसी अल्पसंख्यक को फिर भारत में शरण लेने के लिए ना सोचना पड़े।
वो जहां रहें,ससम्मान रहें,हक से रहें।।
मोदी जी ने इस तरफ सुधार का कदम बढ़ाया है,पर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया।
कश्मीरी पंडितों को उनका घर दिलवाए,उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।।
अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।
सच पूछो तो विश्व पटल पर हिंदू ही अल्पसंख्यक है।।
हमें सीखना होगा त्रेतायुग से,
राम जी ने सुग्रीव की मदद करके पंपापुर को बाली से मुक्त कराया और सुग्रीव को वहां का राजा बना दिया।
यही लंका में किया,रावण को मारकर शांति स्थापित की और विभीषण को वहां का राजा बनाया।
वही आज की सरकार करे,
बेशक 2014 से पहले आये लोगों को नागरिकता दे;
पर साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश पर ऐसी कार्यवाही भी करे,ताकि वहां के किसी अल्पसंख्यक को फिर भारत में शरण लेने के लिए ना सोचना पड़े।
वो जहां रहें,ससम्मान रहें,हक से रहें।।
मोदी जी ने इस तरफ सुधार का कदम बढ़ाया है,पर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया।
कश्मीरी पंडितों को उनका घर दिलवाए,उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।।
अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।
सटीक बात
ReplyDeleteधन्यवाद😊
Deleteकश्मीर पंडित को उनके घर वापस मिलना चाहिए ।
ReplyDeleteजो कष्ट पंडित ने लि है it's horrible । अब मोदी जी उनके सपने पूरा करेगे ।
Thanks Jagruti sharing this blog
Please forward this blog to PMO office
It's very good suggestion GOI will take it seriously .
Regards
Sandeep Kumar
बहुत बहुत धन्यवाद,आपने ध्यान से पढ़ा, और अपनी राय भी दी।
Deleteकोशिस करेंगे pmo तक भेजने की
काली रात की सच्चाई थी वह जब कश्मीर से हिंदू समुदाय के विरूद्ध अभियान चलाया गया था भयावह
ReplyDeleteये जहां भी बहुसंख्यक होंगे,यही करेंगे।
Deleteइतिहास सुना था,वर्तमान में देख भी लिया
बिल्कुल सही है
ReplyDeleteजय श्री राम
धन्यवाद🙏
Deleteजय श्री राम🚩
God bless u my DEAR
ReplyDeleteJai shri Ram
Thanks😊
Deleteअत्यंत दुःख की और भय की घड़ी रही होगी जब कश्मीर में कत्लयाम हो रहा होगा। दिल सहम जाता हैं सुन कर,आंखों से पानी बहता हैं लेकिन बदले की आग दिल और दिमाग मे बैठ जाती हैं। लेकिन अब ऐसा भविष्य में कभी नही होगा।
ReplyDeleteमेरे कश्मीरी पंडित भाइयों बहनो और माताओं को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिये श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
ये खूनी खेल थमता है, पर रुकता नहीं है।।
Deleteबहुत बढ़िया लेख.. कश्मीरी पंडित देश के बाकी नागरिकों की तरह ही हमारे भाई बहन हैं. एक घर में सबको बराबर का समझने पर ही घर में शांति और खुशी रहती है। सरकार को हमारे कश्मीरी पंडित भाई बहनों को उनका पूरा हक दिलाने की कोशिश करते रहना चाहिए।
ReplyDeleteNice article.. 7/10 Marks.
- Kush
बहुत बहुत धन्यवाद😊
Deleteये ब्लॉग पढ़कर ही मन में डर सा लग रहा है। न जाने कशमिरी पंडितों ने कितने जुल्म अपने ही स्वतंत्र देश में सहे होंगे इसकी कल्पना ही नहीं कर सकते। कांग्रेस सरकार की ऐसी कोनसी मजबूरी थी कि कश्मीर पंडित को बचा नहीं सके। यही एक और कारण हो सकता है कि कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यक होने के कारण इतना बड़ा जुल्म हुआ। जागृति आपने, हमने सभी ने इन दिनों में या वर्षों में देख रहे है कि जम्मू में देश की रक्षा करने वाले जवानों पर पत्थर बरसाते है। जब जवानों का हाल ऐसा है तो पंडितों का क्या हाल हुआ होगा? सोचते है की कास उस बक्त मोदी सरकार होती तो नजारा कुछ और ही होता।
ReplyDeleteचलो आशा करते है कि कश्मीर में भी राम राज्य आए।
आपका इस टॉपिक का लेख बहुत ही बढ़िया रहा। इस लेख को पढ़कर कश्मीरी पंडितों का दर्द महसूस हुआ।अब तो मोदी राज में घर वापसी भी शुरू हुई है। जय श्री राम 🚩