बलात्कार
यूँ तो काफी समय से व्यस्तता के चलते कुछ लिखा नहीं,
कभी अपनी समस्याएं कभी अपनों की।
चाहकर भी कुछ नहीं लिख पाए,उसके लिए आप सभी से माफ़ी चाहते हैं।।
पिछले दिनों मेरे कई जानने वालों ने कहा,कि मुझे #प्रियंका_रेड्डी के विषय पर कुछ अवश्य लिखना चाहिए,
कुछ ने कहा कि रेप पर भी आप कुछ लिखिए।
कुछ ये भी कह रहे थे कि प्रधानमंत्री जी आपको फ़ॉलो करते हैं, आप लिखिए तो आपकी बात उन तक पहुँचेगी,तो समाधान भी निकलेगा।।
दोस्तों मेरी बात आप तक पहुंचे,आप समझो,लोगों को समझाओ, मेरे लिए यही काफी है।।
मुझे लगता है कि रेप शब्द की परिभाषा बताने की कोई जरूरत नहीं,क्योंकि हर रोज कोई ना कोई इसका शिकार बनता है,और फिर वही परिभाषा दोहराई जाती है।
साधारण बोलचाल में,किसी के साथ उसकी सहमति के बिना,
ज़बरदस्ती शारिरिक संबंध बनाना,बलात्कार कहलाता है।
ज़बरदस्ती शारिरिक संबंध बनाना,बलात्कार कहलाता है।
ये ऐसा शब्द है,जो कानों में पड़ता है तो एक अजीब सी सिहरन दौड़ जाती है शरीर में।
पिछले कुछ वर्षों से जितना टेक्नोलॉजिकल विकास हुआ,नेट पैक सस्ता हुआ,उसी दर से अपराध में भी इजाफा हुआ।।
जिन्हें ढंग से कपड़े पहनने नहीं आते,वो भी इस दुष्कर्म को अंजाम दे देते हैं।
डॉ दिशा रेड्डी,जो कि जानवरों की डॉ थी...अपनी स्कूटी से घर से निकलीं,और टोल प्लाजा के पास अपनी स्कूटी पार्क करके कैब से चलीं गयीं।
ये सब वो चार दरिंदे देख रहे थे,जिन्होंने उसी समय ये बलात्कार को अंजाम देने की साजिस रच डाली।
उनके जाने के बाद उनकी स्कूटी की हवा निकाल दी,जब डॉ वापस आयी,तो उन्होनें देखा कि उनकी स्कूटी पंचर है;वहीं पास खड़े उन दरिंदों ने मदद की पेशकश की।
जिसके लिए डॉ दिशा ने मना कर दिया।
रात के 9बज रहे थे,दिशा ने अपनी बहन को कॉल करके इसकी जानकारी दी; उन्होंने ये भी बताया कि कुछ लड़के मदद के लिए बोल रहे हैं, पर उन्हें डर लग रहा है।
इसके बाद वो फोन कट करती हैं,
कुछ मिनट बाद दिशा की बहन उन्हें कॉल करती हैं, पर फोन नहीं लगता।
इसके बाद कि घटना से आप सभी बाक़िफ़ हैं।
वो चारो दरिंदे गैंगरेप करके,उनकी बॉडी को जलाकर फेंक देते हैं।
क्या हो गया है समाज को😡
क्यों लड़कियों को ऐसी यातनाएं झेलनी पड़ती हैं,
क्यों इन राक्षसों का वध शीघ्र नहीं किया जाता,
क्यों कानून का कोई खौफ नहीं है दरिंदों में,
इन सभी के लिए जिम्म्मेदार कौन????
क्या करना चहिये समाज को-:
शायद ही कोई ऐसा होगा,जिसके अपने क्षेत्र के छिछोरों और मनचलों केे बारे में जानकारी ना हो।
ऐसे लोगों के घरवालों को इनकी हरकतों से अवगत कराएं।
देर रात तक सड़क पर घूमने वाले लोगों पर भी समय सीमा का निर्धारण कराएं,
समाज में एक दूसरे की बेइज्जती करने के अवसर ढूंढ़ने के बजाय,समाज को जोड़ने के लिए प्रयासरत रहें।
जब आप इस तरह से करेंगे,तो समाज एक परिवार भी भांति लगेगा,और फिर अपराधों पर लगाम अपने आप लगने लग जाएगी।।
क्या करना चाहिए पुलिस को-:
पुलिस भी ऐसे लोगों को समय-समय पर ऐसे अपराध के दुष्परिणामों से अवगत कराए।
जैसे चुनाव से पूर्व कुछ लोग चिन्हित कर लिए जाते हैं, फिर उनको वार्निंग दे दी जाती है; उसी तरह से समय समय पर ऐसे मनचलों को चेतावनी दें।।
और एक निश्चित समय अंतराल पर इनकी परीक्षा भी ले लें।
महिला अधिकारी को साथ लेकर मॉक ड्रिल करें,
इससे मनचलों की हरकतें सामने आ जाएंगी।
क्या करना चाहिए लड़कियों को-:
बदलते परिवेश के हिसाब से लड़कियों को चाहिए, वो किसी भी कार्य के लिए किसी अन्य पर निर्भर ना हों,
आप घर से दूर रहती हो,घर पर ही रहती हो; दोनों परिस्थितियों में आप कहीं भी जाओ,घर बालों को बताकर ही जाओ,
अंधेरा होने से पहले घर आ जाओ।
यदि कहीं ज्यादा समय लगता है, तो घर के किसी सदस्य के साथ जाओ या वहां से किसी को घर तक साथ लेकर आओ।
कितना ही घनिष्ठ मित्र क्यों ना हो,कभी किसी एकांत वाली जगह पर ना मिलो,
पब्लिक प्लेस पर ही मिलो।
जैसे-जैसे माहौल बदल रहा है, उसके हिसाब से ही चलो,
अपनी लोकेशन घर के किसी सदस्य,किसी मित्र से शेयर करें।
आँख बंद करके किसी पर भरोसा ना करें,
आपकी सतर्कता ही आपको आज के परिवेश में इंसानी भेड़ियों से बचा सकती है।।
क्या करना चाहिए लड़को को-:
मैं नहीं कहती कि लड़कों के साथ कभी गलत नहीं होता,
पर इतना जरूर कहेंगे कि लड़कियों की अपेक्षा ये नगण्य है।।
भगवान ने आपको मानव बनाकर भेजा है,तो मानवता ही सीखो,
दानव ना बनो।
कई बार ऐसा होता है कि लड़के-लड़कियों के अफेयर में लड़की, लड़के को छोड़ देती है; ऐसे में आप पागलपन में ऐसा कुछ कर जाते हैं, जो आपकी ही नहीं बल्कि आपके परिवार की भी जिंदगी नर्क बना देता है।
जिसने छोड़ दिया,उसको जाने दो।।
कई बार लड़के दूसरे दोस्तों की बातों में आकर लड़कियों पर कमेंट करते हैं,उनके कपड़ों पर कमेंट करते हैं, ये भी ना करें।।
कई बार आप प्यार में सारी सीमाएं लांघ जाते हो,वो भी ना करो।
यदि बाकई किसी से प्यार करते हो,तो एक सामाजिक बंधन में बंधो, रीति रिवाज के साथ अपनाओ,
मर्यादा का हनन कभी भी ना करो,
क्योंकि 2लोगों की गलतियां 2खानदानों को भुगतनी पड़तीं हैं।।
सबसे महत्वपूर्ण बात,"आप बहुत शरीफ हो और आपके सामने कोई अन्य लड़का किसी लड़की को छेड़ रहा है, तो ऐसे में आप आवाज उठाओ,चुप चाप अन्याय होते ना देखो।
वैसे रेप जैसी बारदात को अंजाम देने वाले मानसिक विक्षिप्त ही होते हैं, जो सामने वाले कि चीख पुकार भी नहीं सुनते,
सुनते हैं तो सिर्फ अपने दिमाग की हवस😡
मर्द हो तो मर्द बनकर रहो,
किसी महिला को दर्द तो ना दो।।
एक महिला ही पुरूष को जन्म देती है, पर इसलिए कतई नहीं कि वो किसी अन्य महिला की अस्मत लूटे।
क्या करना चाहिए सरकार को-:
सरकार को चाहिए,वो न्यायायिक प्रक्रिया को सरल बनाये,
पीड़ित पक्ष को सुरक्षा प्रदान करे,
वकील दे,
पर धनराशि कदापि ना दे।
क्योंकि इस तरह से लोग गलत आरोप लगाकर फंसा भी सकते हैं।
सरकार को चाहिए,
आरोपी/आरोपियों का नार्कोटेस्ट,पॉलीग्राफ,ब्रेनमेपिंग अवश्य कराए,ताकि किसी निर्दोष को ऐसे जघन्य अपराध की सजा ना मिले।।
यदि कोई आरोपी इन टेस्ट में निर्दोष पाया जाता है, तो पीड़िता के भी यही टेस्ट कराए,ताकि पता चल सके,कि आरोप निराधार तो नहीं हैं, और सच सामने लाया जा सके।।
नोट-:हैदराबाद केस के चारो आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मृत्यु हो चुकी है।।
यदि आपके पास कोई अन्य सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
इस लेख से यदि किसी को कोई कष्ट पहुंचा हो,तो क्षमा प्रार्थी हूँ🙏
कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।
धन्यवाद🙏
ये सब वो चार दरिंदे देख रहे थे,जिन्होंने उसी समय ये बलात्कार को अंजाम देने की साजिस रच डाली।
उनके जाने के बाद उनकी स्कूटी की हवा निकाल दी,जब डॉ वापस आयी,तो उन्होनें देखा कि उनकी स्कूटी पंचर है;वहीं पास खड़े उन दरिंदों ने मदद की पेशकश की।
जिसके लिए डॉ दिशा ने मना कर दिया।
रात के 9बज रहे थे,दिशा ने अपनी बहन को कॉल करके इसकी जानकारी दी; उन्होंने ये भी बताया कि कुछ लड़के मदद के लिए बोल रहे हैं, पर उन्हें डर लग रहा है।
इसके बाद वो फोन कट करती हैं,
कुछ मिनट बाद दिशा की बहन उन्हें कॉल करती हैं, पर फोन नहीं लगता।
इसके बाद कि घटना से आप सभी बाक़िफ़ हैं।
वो चारो दरिंदे गैंगरेप करके,उनकी बॉडी को जलाकर फेंक देते हैं।
क्या हो गया है समाज को😡
क्यों लड़कियों को ऐसी यातनाएं झेलनी पड़ती हैं,
क्यों इन राक्षसों का वध शीघ्र नहीं किया जाता,
क्यों कानून का कोई खौफ नहीं है दरिंदों में,
इन सभी के लिए जिम्म्मेदार कौन????
क्या करना चहिये समाज को-:
शायद ही कोई ऐसा होगा,जिसके अपने क्षेत्र के छिछोरों और मनचलों केे बारे में जानकारी ना हो।
ऐसे लोगों के घरवालों को इनकी हरकतों से अवगत कराएं।
देर रात तक सड़क पर घूमने वाले लोगों पर भी समय सीमा का निर्धारण कराएं,
समाज में एक दूसरे की बेइज्जती करने के अवसर ढूंढ़ने के बजाय,समाज को जोड़ने के लिए प्रयासरत रहें।
जब आप इस तरह से करेंगे,तो समाज एक परिवार भी भांति लगेगा,और फिर अपराधों पर लगाम अपने आप लगने लग जाएगी।।
क्या करना चाहिए पुलिस को-:
पुलिस भी ऐसे लोगों को समय-समय पर ऐसे अपराध के दुष्परिणामों से अवगत कराए।
जैसे चुनाव से पूर्व कुछ लोग चिन्हित कर लिए जाते हैं, फिर उनको वार्निंग दे दी जाती है; उसी तरह से समय समय पर ऐसे मनचलों को चेतावनी दें।।
और एक निश्चित समय अंतराल पर इनकी परीक्षा भी ले लें।
महिला अधिकारी को साथ लेकर मॉक ड्रिल करें,
इससे मनचलों की हरकतें सामने आ जाएंगी।
क्या करना चाहिए लड़कियों को-:
बदलते परिवेश के हिसाब से लड़कियों को चाहिए, वो किसी भी कार्य के लिए किसी अन्य पर निर्भर ना हों,
आप घर से दूर रहती हो,घर पर ही रहती हो; दोनों परिस्थितियों में आप कहीं भी जाओ,घर बालों को बताकर ही जाओ,
अंधेरा होने से पहले घर आ जाओ।
यदि कहीं ज्यादा समय लगता है, तो घर के किसी सदस्य के साथ जाओ या वहां से किसी को घर तक साथ लेकर आओ।
कितना ही घनिष्ठ मित्र क्यों ना हो,कभी किसी एकांत वाली जगह पर ना मिलो,
पब्लिक प्लेस पर ही मिलो।
जैसे-जैसे माहौल बदल रहा है, उसके हिसाब से ही चलो,
अपनी लोकेशन घर के किसी सदस्य,किसी मित्र से शेयर करें।
आँख बंद करके किसी पर भरोसा ना करें,
आपकी सतर्कता ही आपको आज के परिवेश में इंसानी भेड़ियों से बचा सकती है।।
क्या करना चाहिए लड़को को-:
मैं नहीं कहती कि लड़कों के साथ कभी गलत नहीं होता,
पर इतना जरूर कहेंगे कि लड़कियों की अपेक्षा ये नगण्य है।।
भगवान ने आपको मानव बनाकर भेजा है,तो मानवता ही सीखो,
दानव ना बनो।
कई बार ऐसा होता है कि लड़के-लड़कियों के अफेयर में लड़की, लड़के को छोड़ देती है; ऐसे में आप पागलपन में ऐसा कुछ कर जाते हैं, जो आपकी ही नहीं बल्कि आपके परिवार की भी जिंदगी नर्क बना देता है।
जिसने छोड़ दिया,उसको जाने दो।।
कई बार लड़के दूसरे दोस्तों की बातों में आकर लड़कियों पर कमेंट करते हैं,उनके कपड़ों पर कमेंट करते हैं, ये भी ना करें।।
कई बार आप प्यार में सारी सीमाएं लांघ जाते हो,वो भी ना करो।
यदि बाकई किसी से प्यार करते हो,तो एक सामाजिक बंधन में बंधो, रीति रिवाज के साथ अपनाओ,
मर्यादा का हनन कभी भी ना करो,
क्योंकि 2लोगों की गलतियां 2खानदानों को भुगतनी पड़तीं हैं।।
सबसे महत्वपूर्ण बात,"आप बहुत शरीफ हो और आपके सामने कोई अन्य लड़का किसी लड़की को छेड़ रहा है, तो ऐसे में आप आवाज उठाओ,चुप चाप अन्याय होते ना देखो।
वैसे रेप जैसी बारदात को अंजाम देने वाले मानसिक विक्षिप्त ही होते हैं, जो सामने वाले कि चीख पुकार भी नहीं सुनते,
सुनते हैं तो सिर्फ अपने दिमाग की हवस😡
मर्द हो तो मर्द बनकर रहो,
किसी महिला को दर्द तो ना दो।।
दोस्तों कभी किसी लड़की को बदनीयती से छूने से पहले ये सोचो कि उसको कैसा लगा होगा, उसकी मानसिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा होगा, कितनी बद्दुआएं दी होंगीं उसने,बस नहीं चलता वरना ऐसी हरकत के बाद ऐसे लड़को के हाथ धड़ से अलग ही कर दें लड़कियां।।
एक महिला ही पुरूष को जन्म देती है, पर इसलिए कतई नहीं कि वो किसी अन्य महिला की अस्मत लूटे।
क्या करना चाहिए सरकार को-:
सरकार को चाहिए,वो न्यायायिक प्रक्रिया को सरल बनाये,
पीड़ित पक्ष को सुरक्षा प्रदान करे,
वकील दे,
पर धनराशि कदापि ना दे।
क्योंकि इस तरह से लोग गलत आरोप लगाकर फंसा भी सकते हैं।
सरकार को चाहिए,
आरोपी/आरोपियों का नार्कोटेस्ट,पॉलीग्राफ,ब्रेनमेपिंग अवश्य कराए,ताकि किसी निर्दोष को ऐसे जघन्य अपराध की सजा ना मिले।।
यदि कोई आरोपी इन टेस्ट में निर्दोष पाया जाता है, तो पीड़िता के भी यही टेस्ट कराए,ताकि पता चल सके,कि आरोप निराधार तो नहीं हैं, और सच सामने लाया जा सके।।
नोट-:हैदराबाद केस के चारो आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मृत्यु हो चुकी है।।
यदि आपके पास कोई अन्य सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
इस लेख से यदि किसी को कोई कष्ट पहुंचा हो,तो क्षमा प्रार्थी हूँ🙏
कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।
धन्यवाद🙏

Dear Di! Pahle to mai apka bhot bada wala bhakt hu😊🙏✌ Aur Fan bhi Q ki aaap inspirational ho! And last thing sbhi Tweets factfull hote hai😊!
ReplyDeleteNow i am going to ask my qus?
Qus- mujhe laga tha ki unnao case me jitne bhi Boys hai Wo sbhi galat hai par jaise jaise unhe saja milne wali hai naye naye facts samne aa rhe h, log aur jo ladke ke ghar wale hai wo arop laga rhe h ki ladki wrong thi usne khud ko aag lgaya hai! Baki aur bhi bate hai please Give me true thaught! And your opinion also di!
Aapke opinion me kaun shi hai jab aise bat samne aa rhi hai to?
Please ans😊✌🙏🇮🇳
Apka bhai @_Ritesh_king
बहुत बहुत धन्यवाद भाई मेरे ट्वीट्स व ब्लॉग पढ़ने के लिए🙏
Deleteकोशिश हमेशा यही रहती है मेरी कि सच ही लिखूँ, कभी गलत लिख जाए,तो माफी भी मांग लेती हूँ।
उन्नाव केस पर मैंने अपनी राय ट्वीट्स के माध्यम से रखी है,
मुझे लगता है मीडिया के दवाब में शासन है,
और प्रशासन तो वैसे ही शासन के निर्देश पर चलेगा।
कई बातें संदेह उत्पन्न करतीं हैं।
मामला रेप केस का तो बिल्कुल भी नहीं लगता।
जांच हो तो ये भी पता चल जाएगा कि आग कैसे लगी।।
सच सामने जरूर आएगा।।
#Smadam, promote and campaign that parent of rapist also get punishment for at least 5 yrs as they brought up wolf than human. Bring this law, see the results.
ReplyDeleteDear Sumit,
DeleteI am not agree with this,
As I don't think that anybody's parents want that their child do anything like this.
Even acused family suffer a lot.
But parents should teach their child humanity n all.,so that they think thousands time before doing any crime.
बचपन की सीख पचपन के बाद भी काम आती है।।
Good job.
ReplyDeleteThanks a lot😊
Deleteबहुत खूब हुकुम ��
ReplyDeleteअब तो इस तरह की घटनाओं के बारे में सुनकर हृदय बहुत आहत होता है।
समझ नही आता कि इस तरह की हरकत करने वाले लोग अपने और अपने परिवार के बारे में क्यों नही सोचते कि अगर इस तरह का घिनौनी हरकत उनकी बहन बेटियों के साथ हो तो उन्हें कैसा महसूस होगा।
सच में इस तरह का कदम उठाने वाले लोग मानसिक विक्षिप्त ही होते होंगे क्योंकि इस तरह की दरिंदगी करने वाले लोग एक सभ्य समाज के सामान्य नागरिक तो हो ही नही सकते, जिनको अपनी हवस के आगे सामने वाले इंसान की चीख पुकार भी सुनाई नही देती है।
बहुत बहुत धन्यवाद🙏
Deleteआपने अपना समय दिया।।
अपने समाज के छेड़खानी करने वाले युवकों को चिंहित करें,फिर उनको कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर समझाएं,
ये एक साधारण तरीका है कुछ हद तक असाधारण बुराई को खत्म करने का
बहुत खूबसूरत लेख.. सबसे अच्छी लाइन थी कि वाकई किसी को प्यार करते हैं तो रीति रिवाज के साथ अपनाओ, सामाजिक बंधन में बंधे..
ReplyDeleteसबसे अच्छा सुझाव था कि सरकार बिना पूर्ण जांच किए पीड़ित पक्ष को धनराशि ना दे।
रेप को रोकना सरकार और पुलिस के साथ पूरे समाज की जिम्मेदारी है।
Very good article by you.
10/10 Marks.��
...कुश
बहुत बहुत धन्यवाद कुश
Deleteमार्क्स देखकर मन हो गया खुश😊
मुझे बाकई इंतजार था तुम्हारे कमेंट का,
क्योंकि तुम एक एक लाइन को ध्यान से पढ़कर,उसकी विवेचना करते हो।
क्या सही कहा,क्या सुझाव दिया,
सभी पहलुओं पर गौर करते हो,
So me happy after reading ur comment 😊
Thankuu :) :)
ReplyDeleteक्या हो गया है समाज को😡
ReplyDeleteक्यों लड़कियों को ऐसी यातनाएं झेलनी पड़ती हैं,
क्यों इन राक्षसों का वध शीघ्र नहीं किया जाता,
क्यों कानून का कोई खौफ नहीं है दरिंदों में,
इन सभी के लिए जिम्म्मेदार कौन????
इस प्रश्न का केवल एक ही उत्तर है मेरे पास हम सब एक सौ पच्चीस करोड़ देशवासी। चाहे तुम्हे सही लगे या गलत लेकिन ये भी सत्य है। मन में विचार आते है कि करोड़ों लोग होने के बावजूद भी ऐसा घिनौना अपराध होते कैसे है? करोड़ों लोग होने के बावजूद हम एक लड़की को सुरक्षा नहीं दे पा रहे है ये बड़ी शर्म की बात है।
मानव मानवता नष्ट होने की और चल रहा है।