कुछ सरहद पर शहीद हुये
कुछ गलियों में मार दिए,
कुछ राजनीति के चक्कर में
कुछ समझौतों में मार दिए,
क्या कहें तमाशा भारत का
क्या कहें कहानी अब दुख की,
जब सेना भी न बच पाई
क्या बच पाएगी अब दिल्ली,
उठ जाग खड़े हो अब रण में
नापाक को तुम खत्म करो,
मंदिर बनवाकर अयोध्या में
राम राज का शुभारंभ करो
जागृति गुप्ता✍

jai shri Ram
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteडायरी में लिखने जा रहा हू , कालेज में सुनाऊंगा...,👩🏫👩🏫
धन्यवाद🙏
Deleteअपना नाम भी लिख दिया कीजिये
Ye aapka khud ka likha hua hai !!?
ReplyDeleteMera matlb kaafi accha hai..josh bhrta hai 💪
- Kush
हां जी,ये हमने ही लिखा है।
Deleteजब जोश आ जाता है, तब ऐसी ही लाइन लिख। जाती हैं