Sunday, 19 January 2020

30Years Of KashmiriPandit Exodus

कश्मीरी पंडित
दोस्तों आज कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को निकले 30 साल पूरे हो गए,पर अफसोस कि उन्हें उनका घर आजतक वापस ना मिला,
उनको न्याय नहीं मिला।।
इसके पीछे राजनैतिक कारण ही रहे।
पर दोस्तो क्या अपने कभी सोचा कि क्यों भारत में हिंदू ही सताया गया,कैसे हम गुलाम बने।
यदि नहीं सोचा तो अब सोचिए

1990 में कश्मीर की मस्जिदों से ये एलान किया गया कि या तो कश्मीरी पंडित अपना धर्म बदल लें,या घर छोड़ दें।।
उस समय जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे,
और देश में कांग्रेस की सरकार थी,सत्ताधारी पार्टी के किसी नेता ने इसका विरोध नहीं किया।
नतीजा ये निकला कि तमाम कश्मीरी पंडितों का कत्ल कर दिया गया,महिलाओं का बलात्कार किया गया,
किसी को जिंदा ही तेजाब में डाल दिया गया।
पर अफसोस इतने वर्षों तक सरकारों ने कुछ ना किया
अफसोस हिन्दू सब देखकर सोता रहा।।

1992 में जब आपने बाबरी विध्वंस किया,तभी यदि कश्मीर की तरफ भी कूच कर जाते,
तो आज देश को CAA की जरूरत ना रह जाती,
आज सब अपने घरों में होते,
और किसी भी इस्लामिल संगठन की हिम्मत ना होती हम पर गुर्राने की।
उस समय इंटरनेट की सुविधा नहीं थी,
सोशल मीडिया नहीं था,
अखबार में वो आता,जो सरकार या मालिक चाहता
और चैनल का भी वही हाल था।

हमारे देश के गुलाम होने के पीछे भी यही कारण था,
अलग अलग राज्य मुगलों से लड़ते रहे,
संगठित होकर नहीं लड़े,
यदि हम संगठित होकर लड़ते,तो कोई भी देश समुद्री सीमा पार करके हमारे देश पर आक्रमण ही नहीं कर पाते।।

हम अपने अपनों को बचाते रहे,और एक दिन अपनों को भी गंवा बैठे।

इतिहास फिर से दोहरा रहा है,
हम पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को जो 31/दिसंबर/2014 के पहले भारत में आ गए,भारत उन्हें नागरिकता दे रहा है
यहां हम सब एक ही तरह के लोग अपनी जान बचाने के खातिर एक ही जगह(भारत) एकत्र हो जाएंगे,
फिर एक दिन या तो आक्रमण हो जाएगा,
या उड़ा दिए जाएंगे।
बेहतर होगा यदि हम संगठित रहें,किसी भी देश में क्यों ना हो,हम अपनों की मदद करें,क्योंकि हिंदुओं का कोई देश नहीं बचा विश्व में,क्योंकि भारत भी सेक्युलर है।
सच पूछो तो विश्व पटल पर हिंदू ही अल्पसंख्यक है।।

हमें सीखना होगा त्रेतायुग से,
राम जी ने सुग्रीव की मदद करके पंपापुर को बाली से मुक्त कराया और सुग्रीव को वहां का राजा बना दिया।
यही लंका में किया,रावण को मारकर शांति स्थापित की और विभीषण को वहां का राजा बनाया।
वही आज की सरकार करे,
बेशक 2014 से पहले आये लोगों को नागरिकता दे;
पर साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश पर ऐसी कार्यवाही भी करे,ताकि वहां के किसी अल्पसंख्यक को फिर भारत में शरण लेने के लिए ना सोचना पड़े।
वो जहां रहें,ससम्मान रहें,हक से रहें।।

मोदी जी ने इस तरफ सुधार का कदम बढ़ाया है,पर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया।
कश्मीरी पंडितों को उनका घर दिलवाए,उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।

Friday, 27 December 2019

Conversation b/w PEN & MIND

कलम और दिमाग का वार्तालाप

आज मैंने जब लिखना चाहा
कलम बोली कुछ ऐसा लिख दे
मिट जाए सरहदें नफरत की
प्यार का खत कुछ ऐसा लिख दे

बोला तभी दिमाग मेरा
कब तक सच को झुठलायेगी
गंगा जमुनी तहजीब नाम पर
कब तक झूठ लिखायेगी

बोली कलम सुनो भाई अब ये
मैं नफरत नहीं सिखाती हूँ
अरुंधति की तरह कभी ना
समाज को मैं भड़काती हूँ

मैं तो हूँ सीधी सच्ची सी
कोई चाल कभी ना चलती हूँ
लिखने वाला चाहे प्यार लिखे
मैं तो उस समय भी घिसती हूँ

बोला ये सुनकर दिमाग मेरा
ये बात सही तुम बोली हो
खुरापात दिमाग ही करता है
तुम तो बाकई में भोली हो

मैं वादा तुमसे करता हूँ
अब और ना कुछ होने दूंगा
चाहे जितना हो बैर भाव
मैं आग नहीं लगने दूंगा
   जागृति गुप्ता✍️

Sunday, 8 December 2019

Rape,"A Heinous Crime

बलात्कार

यूँ तो काफी समय से व्यस्तता के चलते कुछ लिखा नहीं,
कभी अपनी समस्याएं कभी अपनों की।
चाहकर भी कुछ नहीं लिख पाए,उसके लिए आप सभी से माफ़ी चाहते हैं।।
पिछले दिनों मेरे कई जानने वालों ने कहा,कि मुझे #प्रियंका_रेड्डी के विषय पर कुछ अवश्य लिखना चाहिए,
कुछ ने कहा कि रेप पर भी आप कुछ लिखिए।
कुछ ये भी कह रहे थे कि प्रधानमंत्री जी आपको फ़ॉलो करते हैं, आप लिखिए तो आपकी बात उन तक पहुँचेगी,तो समाधान भी निकलेगा।।
दोस्तों मेरी बात आप तक पहुंचे,आप समझो,लोगों को समझाओ, मेरे लिए यही काफी है।।


मुझे लगता है कि रेप शब्द की परिभाषा बताने की कोई जरूरत नहीं,क्योंकि हर रोज कोई ना कोई इसका शिकार बनता है,और फिर वही परिभाषा दोहराई जाती है।
साधारण बोलचाल में,किसी के साथ उसकी सहमति के बिना,
ज़बरदस्ती शारिरिक संबंध बनाना,बलात्कार कहलाता है।
ये ऐसा शब्द है,जो कानों में पड़ता है तो एक अजीब सी सिहरन दौड़ जाती है शरीर में।
पिछले कुछ वर्षों से जितना टेक्नोलॉजिकल विकास हुआ,नेट पैक सस्ता हुआ,उसी दर से अपराध में भी इजाफा हुआ।।
जिन्हें ढंग से कपड़े पहनने नहीं आते,वो भी इस दुष्कर्म को अंजाम दे देते हैं।
डॉ दिशा रेड्डी,जो कि जानवरों की डॉ थी...अपनी स्कूटी से घर से निकलीं,और टोल प्लाजा के पास अपनी स्कूटी पार्क करके कैब से चलीं गयीं।
ये सब वो चार दरिंदे देख रहे थे,जिन्होंने उसी समय ये बलात्कार को अंजाम देने की साजिस रच डाली।
उनके जाने के बाद उनकी स्कूटी की हवा निकाल दी,जब डॉ वापस आयी,तो उन्होनें देखा कि उनकी स्कूटी पंचर है;वहीं पास खड़े उन दरिंदों ने मदद की पेशकश की।
जिसके लिए डॉ दिशा ने मना कर दिया।
रात के 9बज रहे थे,दिशा ने अपनी बहन को कॉल करके इसकी जानकारी दी; उन्होंने ये भी बताया कि कुछ लड़के मदद के लिए बोल रहे हैं, पर उन्हें डर लग रहा है।
इसके बाद वो फोन कट करती हैं,
कुछ मिनट बाद दिशा की बहन उन्हें कॉल करती हैं, पर फोन नहीं लगता।
इसके बाद कि घटना से आप सभी बाक़िफ़ हैं।
वो चारो दरिंदे गैंगरेप करके,उनकी बॉडी को जलाकर फेंक देते हैं।

क्या हो गया है समाज को😡
क्यों लड़कियों को ऐसी यातनाएं झेलनी पड़ती हैं,
क्यों इन राक्षसों का वध शीघ्र नहीं किया जाता,
क्यों कानून का कोई खौफ नहीं है दरिंदों में,
इन सभी के लिए जिम्म्मेदार कौन????

क्या करना चहिये समाज को-: 

शायद ही कोई ऐसा होगा,जिसके अपने क्षेत्र के छिछोरों और मनचलों केे बारे में जानकारी ना हो।
ऐसे लोगों के घरवालों को इनकी हरकतों से अवगत कराएं।
देर रात तक सड़क पर घूमने वाले लोगों पर भी समय सीमा का निर्धारण कराएं,
समाज में एक दूसरे की बेइज्जती करने के अवसर ढूंढ़ने के बजाय,समाज को जोड़ने के लिए प्रयासरत रहें।
जब आप इस तरह से करेंगे,तो समाज एक परिवार भी भांति लगेगा,और फिर अपराधों पर लगाम अपने आप लगने लग जाएगी।।

क्या करना चाहिए पुलिस को-:

पुलिस भी ऐसे लोगों को समय-समय पर ऐसे अपराध के दुष्परिणामों से अवगत कराए।
जैसे चुनाव से पूर्व कुछ लोग चिन्हित कर लिए जाते हैं, फिर उनको वार्निंग दे दी जाती है; उसी तरह से समय समय पर ऐसे मनचलों को चेतावनी दें।।
और एक निश्चित समय अंतराल पर इनकी परीक्षा भी ले लें।
महिला अधिकारी को साथ लेकर मॉक ड्रिल करें,
इससे मनचलों की हरकतें सामने आ जाएंगी।

क्या करना चाहिए लड़कियों को-:

बदलते परिवेश के हिसाब से लड़कियों को चाहिए, वो किसी भी कार्य के लिए किसी अन्य पर निर्भर ना हों,
आप घर से दूर रहती हो,घर पर ही रहती हो; दोनों परिस्थितियों में आप कहीं भी जाओ,घर बालों को बताकर ही जाओ,
अंधेरा होने से पहले घर आ जाओ।
यदि कहीं ज्यादा समय लगता है, तो घर के किसी सदस्य के साथ जाओ या वहां से किसी को घर तक साथ लेकर आओ।
कितना ही घनिष्ठ मित्र क्यों ना हो,कभी किसी एकांत वाली जगह पर ना मिलो,
पब्लिक प्लेस पर ही मिलो।
जैसे-जैसे माहौल बदल रहा है, उसके हिसाब से ही चलो,
अपनी लोकेशन घर के किसी सदस्य,किसी मित्र से शेयर करें।
आँख बंद करके किसी पर भरोसा ना करें,
आपकी सतर्कता ही आपको आज के परिवेश में इंसानी भेड़ियों से बचा सकती है।।

क्या करना चाहिए लड़को को-:

मैं नहीं कहती कि लड़कों के साथ कभी गलत नहीं होता,
पर इतना जरूर कहेंगे कि लड़कियों की अपेक्षा ये नगण्य है।।
भगवान ने आपको मानव बनाकर भेजा है,तो मानवता ही सीखो,
दानव ना बनो।
कई बार ऐसा होता है कि लड़के-लड़कियों के अफेयर में लड़की, लड़के को छोड़ देती है; ऐसे में आप पागलपन में ऐसा कुछ कर जाते हैं, जो आपकी ही नहीं बल्कि आपके परिवार की भी जिंदगी नर्क बना देता है।
जिसने छोड़ दिया,उसको जाने दो।।

कई बार लड़के दूसरे दोस्तों की बातों में आकर लड़कियों पर कमेंट करते हैं,उनके कपड़ों पर कमेंट करते हैं, ये भी ना करें।।

कई बार आप प्यार में सारी सीमाएं लांघ जाते हो,वो भी ना करो।
यदि बाकई किसी से प्यार करते हो,तो एक सामाजिक बंधन में बंधो, रीति रिवाज के साथ अपनाओ,
मर्यादा का हनन कभी भी ना करो,
क्योंकि 2लोगों की गलतियां 2खानदानों को भुगतनी पड़तीं हैं।।

सबसे महत्वपूर्ण बात,"आप बहुत शरीफ हो और आपके सामने कोई अन्य लड़का किसी लड़की को छेड़ रहा है, तो ऐसे में आप आवाज उठाओ,चुप चाप अन्याय होते ना देखो।

वैसे रेप जैसी बारदात को अंजाम देने वाले मानसिक विक्षिप्त ही होते हैं, जो सामने वाले कि चीख पुकार भी नहीं सुनते,
सुनते हैं तो सिर्फ अपने दिमाग की हवस😡

मर्द हो तो मर्द बनकर रहो,
किसी महिला को दर्द तो ना दो।।


दोस्तों कभी किसी लड़की को बदनीयती से छूने से पहले ये सोचो कि उसको कैसा लगा होगा, उसकी मानसिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा होगा, कितनी बद्दुआएं दी होंगीं उसने,बस नहीं चलता वरना ऐसी हरकत के बाद ऐसे लड़को के हाथ धड़ से अलग ही कर दें लड़कियां।।

एक महिला ही पुरूष को जन्म देती है, पर इसलिए कतई नहीं कि वो किसी अन्य महिला की अस्मत लूटे।

क्या करना चाहिए सरकार को-: 

सरकार को चाहिए,वो न्यायायिक प्रक्रिया को सरल बनाये,
पीड़ित पक्ष को सुरक्षा प्रदान करे,
वकील दे,
पर धनराशि कदापि ना दे।
क्योंकि इस तरह से लोग गलत आरोप लगाकर फंसा भी सकते हैं।
सरकार को चाहिए,
आरोपी/आरोपियों का नार्कोटेस्ट,पॉलीग्राफ,ब्रेनमेपिंग अवश्य कराए,ताकि किसी निर्दोष को ऐसे जघन्य अपराध की सजा ना मिले।।
यदि कोई आरोपी इन टेस्ट में निर्दोष पाया जाता है, तो पीड़िता के भी यही टेस्ट कराए,ताकि पता चल सके,कि आरोप निराधार तो नहीं हैं, और सच सामने लाया जा सके।।


नोट-:हैदराबाद केस के चारो आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मृत्यु हो चुकी है।।

यदि आपके पास कोई अन्य सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
इस लेख से यदि किसी को कोई कष्ट पहुंचा हो,तो क्षमा प्रार्थी हूँ🙏
कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें।।
धन्यवाद🙏

अवधपुरी दर्शन को जाऊँ

खुश हूँ मैं बहुत सुनो खुशी का तुमको राज बताऊँ आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ सुनो अवधपुरी में आज सभी है देव पधारे शिव इंद्र यक्ष गंधर्व...