Thursday, 18 January 2024

अवधपुरी दर्शन को जाऊँ

खुश हूँ मैं बहुत सुनो खुशी का तुमको राज बताऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


सुनो अवधपुरी में आज सभी है देव पधारे

शिव इंद्र यक्ष गंधर्व आये हैं राम के द्वारे 

मन मेरा हुआ बेकरार राम के दर्शन पाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


सुनो संत महात्मा व्यास और सभी विप्र पधारे

होंगी कथा और यज्ञ आज फिर राम के द्वारे

मन की उठती उत्कंठा की मैं प्यास बुझाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


उस अवधपुरी में पावन सरयू माँ बहती

कल कल करके वो राम की सारी कथा कहती

मन करता आज ही जाकर उसमें डुबकी लगाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


सुनो अवधपुरी के राजा हनुमति लाल हैं

जो करते राम नाम से मालामाल हैं

हनुमान गढ़ी का भी आज फिर आशिष पाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


सुनो अवधपुरी में सुंदर है एक भवन सुहाना

जहाँ होता बिहारी जी का रोज ही आना जाना

उस कनकभवन में जाकर के मैं शीश नवाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ


अब सुनो खुशी की बात, जो अब तक, बतायी ना

हट गए सारे ही टाट, ठाठ में सोहें ललना

हुई जन्मभूमि तैयार बिराजें रामलला

हर्षित होंगे सब देव देख के बाल कला

मन में छाई उमंग लला के दर्शन पाऊँ

आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ



Wednesday, 17 January 2024

मेरी पहली अयोध्या यात्रा

 मेरी पहली अयोध्या यात्रा-:

रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।

रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:॥🙏

बात बचपन की है, जब टीवी पर सिर्फ दूरदर्शन यानी कि DD1 आता था,

औऱ रविवार के दिन हम सभी धारावाहिक जय श्री कृष्णा देखा करते थे।

अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की रैली हजरत महल पार्क लखनऊ में होनी थी,

मेरे जीवन की ये पहली रैली थी जिसमें लगभग सभी वैश्य परिवारों ने भागीदारी की थी।

किशनी से 2बसें इस रैली में गयीं थी, और सभी ने ये तय किया हुआ था कि वापसी अयोध्या पुरी में रामलला के दर्शन करके ही होगी।


बचपन था,तो किसी बात की कोई फिक्र नहीं थी।

अयोध्या पहुंचने के बाद बिड़ला धर्मशाला में सभी के ठहरने की व्यवस्था की गई।

सबसे पहले सभी ने सरयू जी में स्नान किया, मेरी याद में किसी पवित्र नदी में वो मेरा पहला ही स्नान था।

उसके बाद हम सभी ने हनुमान गढ़ी में हनुमानजी के दर्शन किये, ततपश्चात कनकभवन बिहारी के,दशरथ महल, सीता रसोई, आदि के दर्शन किये।

यहीं कहीं मैंने और मेरी छोटी बहिन एक एक रील वाला कैमरा ख़रीद लिया। जेब में एक विक्स की डिब्बी भी थी।

अब हम सबकी अगली मंजिल थी रामजन्मभूमि के दर्शन।

हम सब जैसे ही परिसर में पहुंचे, तो वहां तलाशी बहुत ज्यादा चल रही थी।

एक लेडी कांस्टेबल ने मुझसे और मेरी बहिन से वो कैमरा जमा करने को कहा, मुझे आज भी याद है कि उसकी इस बात ने हमें कितना दुःखी कर दिया।

बचपन था, तब भगवान कम सामान ज्यादा प्रिय था,

हमने कहा हम जाएंगे ही नहीं अंदर,

ना जमा करेंगे।

फिर डैडी ने समझाया कि वापस आकर ले जाएंगे,अभी साथ चलो, यहां नहीं छोड़ सकते; फिर मन बस यही कहता रहा कि भगवान जी,कोई मेरा कैमरा ना ले जाये।

लोहे के जाल से पूरा गलियारा ऊपर और साइड से पूरी तरह बंद था, डैडी ने बताया कि करो दर्शन तो बल्ब की रोशनी में टैंट में प्रभु के दर्शन किये,



खुशी अब भी अधूरी ही थी क्योंकि मन कैमरे में रखा था।

वापस आकर जब कैमरा मिला तब खुशी  मिली।


समय काफी बदल गया आज कैमरा नहीं राम जी से मिलने की उत्कंठा होती है,


राम जी ने पीली अक्षत तो भेज दिए,अब बस यही इंतजार है कि रामलला जल्द अयोध्यापुरी में बुला लें🙏


जय श्री राम🚩

Wednesday, 20 October 2021

ऑनलाइन शॉपिग/ लोकल मार्केट

 दुनियाँ में आजकल ऐसा कुछ नहीं है,जिसकी जानकारी एक क्लिक पर ना मिल जाये,

ऐसा ना कोई ज्ञान है और ना कोई समान,जो आपको एक क्लिक पर उपलब्ध ना हो।।

हर छोटे से छोटे गांव में आजकल ऑनलाइन सामान जाता है,जाहिर सी बात है, इससे हमारे लोकल के मार्केट बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।


हम अधिकांश देखते हैं कि हमारे कुछ नेता,हमारे मार्गदर्शक;  आमजन से ये आग्रह करते हैं कि हम ऑनलाइन शॉपिंग करने के बजाय लोकल बाजारों से सामान खरीदें।

जबकि उनके स्वयं के परिवारों में भी लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं; वैसे भी टेक्नोलॉजी के जमाने में ये आग्रह वैसा ही प्रतीत होता है,

"जैसे LPG गैस के बजाय मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने की सलाह देना" या "मोबाइल के जमाने में लैंडलाइन की बात करना"

आखिर आप किसी को कितने दिनों तक टेक्नोलॉजी से बंचित रख सकते हैं?

किसी को कितने दिनों तक रोक सकते हैं?

बेहतर होगा, हम अपना तरीका बदलें,समाज के साथ चलें,

धीमें चले तो पीछे रह जाएंगे।

इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने लोकल के दुकानदारों को ट्रेनिंग दिलवाएं,ताकि वो अपने व्यवसाय को ऑनलाइन जोड़ सकें,अपना चैनल बना सकें,अपने प्रोडक्ट को लोकल बाजार के साथ राष्ट्रीय बाजार में बेंच सकें।


स्वयं को आज के अनुरूप बनाइये,किसी अन्य को रुकने के लिए मत कहिए, आप स्वयं जमाने के साथ चलिए।।

- जागृति गुप्ता

अवधपुरी दर्शन को जाऊँ

खुश हूँ मैं बहुत सुनो खुशी का तुमको राज बताऊँ आये हैं अक्षत अवधपुरी दर्शन को जाऊँ सुनो अवधपुरी में आज सभी है देव पधारे शिव इंद्र यक्ष गंधर्व...