Thursday, 17 January 2019

5th Part The Feeling Of Heart

Love,"The Feeling Of Heart"

लव द फीलिंग ऑफ हार्ट का ये पाँचवां पोस्ट है,
जैसा कि प्रत्येक अंक में बताया कि प्यार कोई ढाई अक्षर का लिखा,पढ़ा या कहा गया शब्द नहीं है,
ये वो फीलिंग है जिसे बेजुबान जता सकता है,अंधा व्यक्ति भी महसूस कर सकता है,
यहां तक कि जानवर भी इंसान के प्यार को समझते हैं,जताते हैं,
हले व दूसरे भाग में आपने क्रमशः माता के प्यार व पिता के प्यार के बारे में जाना।जहां माता की तुलना धरती व पिता की तुलना आकाश से की गई है।माँ-बाप अपनी पूरी जिंदगी अपनी औलाद को पढाने औऱ काबिल बनाने में लगा देते हैं।तीसरे भाग में आपने भाई-भाई/बहिन-बहिन/भाई-बहिन के प्यार के बारे में पढ़ा।
वहीं चौथे भाग में आपने पति-पत्नी के प्यार के बारे पढ़ा,जाना,समझा।।
दोस्तों आपने मेरे सभी पोस्ट्स को भरपूर प्यार दिया,इसके लिए हम आपके आभारी हैं।
आज के ब्लॉग में हम आपको उस प्यार के बारे में बताएंगे,जिसको आम बोलचाल की भाषा में कहा तो प्यार ही जाता है,
पर समझा गलत जाता है।
जी हां,आज हम बात करेंगे एक लड़का और लड़की के प्यार के बारे में-:
ये वो विषय है,जिस पर जितना लिखा जाए कम है,क्योंकि हर किसी को इसके बारे कुछ न कुछ अवश्य पता होता है,
फिर वो कहीं से पढ़कर पता चला हो या सुनकर
स्वयं अनुभव किया हो या दोस्तों से जाना हो।।
चूंकि कई लोगों ने ट्विटर पर व कमेंट बॉक्स में इस विषय पर लिखने को कहा,तो कोशिश कर रही हूँ-

देखन मिस मृग बिहग तरु,फिरइ बहोरि बहोरि।
निरखि निरखि रघुबीर छबि,बाढ़इ प्रीति न थोरि॥I
इसका अर्थ है-
मृग,पक्षी और वृक्षों को देखने के बहाने सीताजी बार-बार घूम जाती हैं और श्री रामजी की छबि देख-देखकर उनका प्रेम कम नहीं,बढ़ रहा है। (अर्थात्‌ बहुत ही बढ़ता जाता है)॥
तभी राम जी को कंकन,करधनी व नूपुर की आवाज सुनाई देती है, वो लक्ष्मण जी से उस बारे में पूछते हैं कि क्या उन्होंने वो ध्वनि सुनी,लक्ष्मण जी कहते हैं;उन्होंने कुछ नहीं सुना
अस कहि फिरि चितए तेहि ओरा,सिय मुख ससि भए नयन चकोरा।।भए बिलोचन चारु अचंचल। मनहुँ सकुचि निमि तजे दिगंचल॥ 
राम जी फिर पलटते हैं और सीता जी के मुख की तरफ देखते हैं
राम-सीता की नजरें मिलती हैं,
और वो एक टक एक-दूसरे को देखते रह जाते हैं,
यहां तक कि उनकी पलकें भी नहीं झपकती।
दोनों को ही एक-दूसरे से प्यार हो गया,
इसके बाद जानकी माता ने गौरी जी की पूजा की,उनसे अपने मन की बात कही,उनसे कहा कि जो छवि उनके मन में बस गयी है,वही उन्हें पति के रूप में मिलें,
पर राम जी ने अपने मन की बात भी किसी से नहीं कही।
ये होता है पहली नजर का प्यार।।
यहाँ दोनों ने ही एक-दूसरे को पूरी शिद्दत से चाहा,और पूरी कायनात उन्हें मिलाने में लग गयी।।
दोस्तों आजकल जो बॉलीबुड में दिखाते हैं,सिर्फ तरीका बदलते हैं,
सीखते यहीं से हैं।।6

To Be Continued-
दोस्तों इस भाग का अभी आध्यात्मिक स्वरूप वर्णित किया है,
आज के परिवेश के बारे में चर्चा,इसके अगले भाग में होगी।।
आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में अपने नाम के साथ अवश्य रखें।।
धन्यवाद🙏

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